एस एम कृष्णा: भारत के दिग्गज राजनेता का 92 वर्ष की आयु में निधन

एस एम कृष्णा: भारत के दिग्गज राजनेता का 92 वर्ष की आयु में निधन दिस॰, 10 2024

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा ने ली अंतिम सांस

कर्नाटक और भारतीय राजनीति के एक दिग्गज चेहरा, एस एम कृष्णा ने मंगलवार को 92 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। पिछले कुछ समय से वे गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे। उनकी योग्यता और उनकी नेतृत्व क्षमता ने भारतीय राजनीति के अनेक आयामों को छुआ। विशेष रूप से कर्नाटक के लोग उनके योगदानों को कभी नहीं भूल पाएंगे, जिन्होंने बेंगलुरु को डिजिटल क्रांति का इंद्रधनुष बना दिया।

बेंगलुरु को बनाया 'सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया'

एस एम कृष्णा का सबसे बड़ा योगदान उनके मुख्यमंत्री पद के दौरान देखने को मिला जब उन्होंने बेंगलुरु को 'सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया' में बदल दिया। उनके कार्यकाल में, उन्होंने तकनीकी कंपनियों के लिए अनुकूल माहौल बनाया और बेंगलुरु को तकनीक की राजधानी के रूप में स्थापित किया। इसका सबसे बड़ा प्रमाण बेंगलुरु का आज विश्व स्तर पर आईटी हब के रूप में उभरना है।

विदेश मामले के मंत्री के रूप में उनकी भूमिका

एस एम कृष्णा की प्रतिभा और अनुभव ने उन्हें 2009 से 2012 तक भारत के विदेश मामलों के मंत्री के रूप में एक बड़ा दायित्व दिया। इस दौरान उन्होंने भारत की विदेश नीति को विश्व स्तर पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया और कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौतों को भी अंजाम दिया। उनकी यह भूमिका भी उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण बना।

राजनीतिक सफर और उनकी उपलब्धियां

एस एम कृष्णा का राजनीति में सफर 1962 में आरंभ हुआ जब उन्होंने कर्नाटक विधान सभा सदस्य के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। धीरे-धीरे उन्होंने विधायक से लेकर राज्यपाल तक का सफर तय किया। उनके राजनीतिक करियर में उन्होंने कई प्रमुख पदों पर कार्य किया, जिससे उन्हें भारतीय राजनीति की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने का अवसर मिला।

पद्म विभूषण से सम्मानित

पद्म विभूषण से सम्मानित

राजनीति और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में एस एम कृष्णा के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें 2023 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से नवाज़ा गया। यह सम्मान उनकी उपलब्धियों और योगदानों का प्रमाण है और उन्हें सजीव श्रद्धांजलि देता है।

व्यक्तिगत जीवन और शौक

एस एम कृष्णा ने अपने लंबे जीवन में अपनी पत्नी प्रेमा के साथ सुखद वैवाहिक जीवन बिताया। 1964 में विवाह बंधन में बंधे इस युगल ने अपने जीवन की यात्रा को सफलतापूर्वक तय किया। कृष्णा जी का टेनिस के प्रति गहरा लगाव था, और उन्होंने अपने खाली समय में पुरुषों के कपड़े डिजाइन करने और पुस्तकों का आनंद लेने में समय बिताया।

कर्नाटक में शोक की लहर

कर्नाटक सरकार ने एस एम कृष्णा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए बुधवार को राज्य में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की और तीन दिवसीय राज्य शोक मनाने का निर्णय लिया। इस अवधि के दौरान राज्य के सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सार्वजनिक मनोरंजन कार्यक्रमों पर रोक रहेगी।

राजनीतिक क्षेत्र में उनकी विरासत

राजनीतिक क्षेत्र में एस एम कृष्णा की विरासत अमूल्य है। उन्होंने न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे भारत में एक मजबूत एवं स्थिर नेतृत्व प्रस्तुत किया। उनकी मृत्यु से उत्पन्न शोक की भावना देश के विभिन्न भागों में व्याप्त हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। मोदी जी ने उन्हें 'उल्लेखनीय नेता' के तौर पर याद किया, जिनका जीवन दूसरों को बेहतर बनाने की कोशिशों में समर्पित रहा।