कोलकाता उच्च न्यायालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार-हत्या मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए

कोलकाता उच्च न्यायालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज बलात्कार-हत्या मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए अग॰, 14 2024

कोलकाता उच्च न्यायालय का सीबीआई जांच का आदेश

कोलकाता उच्च न्यायालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को जांच करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने सीबीआई को सभी संबंधित दस्तावेज तुरंत सौंपने का निर्देश दिया है। इस निर्णय से पहले इस मामले की जांच को लेकर लोगों में भारी आक्रोश और विरोध प्रदर्शन हो रहे थे।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला तब प्रकाश में आया जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज की अंतिम वर्ष की छात्रा को संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया। इस घटना के बाद, छात्रा के बलात्कार और हत्या के आरोप लगे, जिसके कारण कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही और सही जांच न करने के आरोप लगे। मृतक छात्रा के परिवार ने स्थानीय पुलिस पर भरोसा न होने का हवाला देते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी।

न्यायालय की प्रतिक्रिया और आदेश

न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा और न्यायमूर्ति सुभ्रता तलुकदार की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में गंभीर कमियाँ पाईं गई हैं। पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। इस संबंध में सीबीआई को एक निर्दिष्ट समय पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

जनता की प्रतिक्रिया

यह कदम जनता की चिंताओं को दूर करने और इस दुखद घटना की गहन और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह निर्णय उन लोगों के लिए एक राहत बन गया है जिन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी और जिन्होंने स्थानीय अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि वे मामले को सही तरीके से नहीं संभाल रहे थे।

आगे का रास्ता

सीबीआई अब इस मामले की नई तरीके से जांच करेगी जिसमें संसाधनों और विशेषज्ञता का उपयोग होगा। जनता और मीडिया की निगरानी में यह जांच चलेगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे। सीबीआई की जांच से यह उम्मीद की जा रही है कि जो भी दोषी होगा उसे कड़ी सजा मिलेगी और पीड़िता के परिवार को न्याय मिलेगा।

पुरे देश में कई लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं और इसे न्याय प्रणाली में लोगों के विश्वास को पुनर्स्थापित करने वाला कदम मान रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह मामला अब पूरे देश की नजरों में होगा, और लोग इसके अंतिम निष्कर्ष का बेसब्री से इंतजार करेंगे।

आराधना