तमिलनाडु शराब त्रासदी: मृतकों की संख्या 47, 30 से अधिक गंभीर स्थिति में
जून, 22 2024तमिलनाडु में अवैध शराब का कहर
तमिलनाडु के कल्लकुरिची जिले में अवैध शराब पीने से हुई त्रासदी ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। अब तक इस दुर्घटना में 47 लोगों की जान चली गई है, जबकि 30 से अधिक लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। इस भयानक घटना में कुल 165 लोग प्रभावित हुए हैं, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है।
अस्पतालों में भीड़, चिकित्सा सुविधाओं की कमी
Kalakkurichi, JIPMER, Salem और Mundiambakkam के सरकारी अस्पतालों में प्रभावित लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उनके पास पर्याप्त दवाओं का भंडार है, लेकिन राहत कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता है। Kallakurichi जिले के कलेक्टर प्रसंथ एम एस ने बताया कि 29 पीड़ितों का अंतिम संस्कार या दाह संस्कार कर दिया गया है, जबकि तीन लोगों की स्थिति में सुधार हुआ है।
अवैध शराब की बिक्री के विरुद्ध सख्त कार्रवाई
जिला प्रशासन ने अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। ये टीमें घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं और संभावित प्रभावित व्यक्तियों का पता लगा रही हैं। इस संबंध में कलेक्टर ने जनता से अवैध शराब के सेवन के बाद स्वयं जांच और उपचार के लिए आगे आने का आह्वान किया है।
राजनीतिक बयानबाजियों का दौर
इस त्रासदी के बाद राजनीतिक बयानबाजियों का दौर भी जारी है। विपक्षी दल AIADMK के महासचिव एडप्पाडी के पलानीस्वामी ने पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के इस्तीफे की मांग की। पलानीस्वामी का कहना है कि AIADMK ने पहले भी राज्य सरकार को अवैध शराब की बिक्री के बारे में चेताया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। AIADMK ने पीड़ित परिवारों के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने और प्रत्येक परिवार को ₹5000 प्रतिमाह देने का भी ऐलान किया है।
BJP की मांग और मुआवजे की घोषणा
BJP ने भी इस मामले में प्रोहिबिशन और एक्साइज मिनिस्टर एस मुथुसामी की बर्खास्तगी की मांग की है। BJP के राज्य अध्यक्ष के अन्नामलाई ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को ₹1 लाख के मुआवजे की घोषणा की है।
जनता के बीच चिंता के बादल
इस घटना के बाद से राज्य में जनता के बीच चिंता का माहौल है। प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान से उम्मीद है कि अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगेगा, लेकिन समाज में इससे उत्पन्न भय और असुरक्षा की भावना को दूर करना भी महत्वपूर्ण है।
इस घटना ने एक बार फिर से इस सवाल को जन्म दिया है कि आखिर कब तक अवैध शराब के काले कारोबार का अंत होगा और कितने और जिंदगी ऐसी त्रासदियों का शिकार होंगी। यह समय है जब राज्य सरकार को इस विषय पर कठोर कदम उठाने होंगे और अवैध शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना होगा।