महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनीं सुजाता सौनिक: एक नई शुरुआत
जुल॰, 1 2024सुजाता सौनिक: एक ऐतिहासिक पथ प्रदर्शक
सुजाता सौनिक ने एक बार फिर से महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनते हुए महाराष्ट्र की प्रशासनिक व्यवस्था में नया इतिहास रचा है। 1987 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी सुजाता सौनिक को महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। 28 अप्रैल 2022 को महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति की गई, जिससे पूरे देश में एक नई दिशा की पहचान बनी।
प्रशासनिक यात्रा की प्रमुख उपलब्धियाँ
सुजाता सौनिक ने अपने प्रभावशाली करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। नागपुर में जन्मी और पली-बढ़ी सौनिक ने अपनी प्रशासनिक यात्रा की शुरुआत पुणे नगर निगम की कमिश्नर के तौर पर की थी। इसके बाद वे पुणे और सोलापुर जिलों की कलेक्टर के रूप में भी कार्यरत रहीं। उन्होंने स्कूल शिक्षा और खेल विभाग में सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर काम किया है। इनके प्रशासनिक प्रयासों ने शिक्षा और खेल के क्षेत्र में कई सफलताएँ हासिल की हैं। साथ ही राज्य के गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए।
एक नया अध्याय
सुजाता सौनिक की नियुक्ति से एक नया अध्याय शुरू हुआ है। डेबाशिष चक्रवर्ती के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने 30 अप्रैल 2022 को मुख्य सचिव पद का कार्यभार संभाला। उनके कार्यकाल में कई नये बदलाव देखे जाने की संभावना है, जो राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को सशक्त और सुगठित बनाएंगे।
महिला के रूप में इस शीर्ष प्रशासनिक पद को हासिल करना सौनिक के लिए केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के उत्थान और प्रशासनिक सेवाओं में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी दर्शाता है। यह नियुक्ति महिला सशक्तिकरण और उनकी नेतृत्वक्षमता की एक महत्वपूर्ण मिसाल पेश करती है।
नई जिम्मेदारियों के साथ आगे बढ़ते कदम
मुख्य सचिव के रूप में सुजाता सौनिक की भूमिका राज्य सरकार को विभिन्न नीतिगत मामलों पर सलाह देने और उनके क्रियान्वयन की निगरानी करने की होगी। यह पद अत्यधिक जिम्मेदारियों से भरा हुआ है और सौनिक के कुशल नेतृत्व में इसे और भी कारगर बनाने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र, जो भारत के सबसे बड़े और प्रमुख राज्यों में से एक है, में प्रशासन का संचालन सुजाता के लिए एक चुनौतीभरा कार्य होगा, लेकिन उनकी काबिलियत और अनुभव से वे इसे सफलतापूर्वक निभा सकती हैं। विभिन्न विभागों और योजनाओं के क्रियान्वयन में उनकी निर्णायक भूमिका रहेगी और इससे राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नई राह
सुजाता सौनिक की इस नियुक्ति से न केवल प्रशासनिक क्षेत्र में महिलाओं के प्रति सोच बदलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, बल्कि यह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा। इससे यह संदेश मिलता है कि महिलाएं चाहे किसी भी क्षेत्र में हों, अपने कौशल और योग्यता से वे सर्वोच्च पदों तक पहुंच सकती हैं। उनके कार्यकाल से उम्मीद की जाती है कि वे महिलाओं की उन्नति और सशक्तिकरण के लिए भी कार्य करेंगी और राज्य के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करेंगी।
सुजाता सौनिक की इस महत्वपूर्ण नियुक्ति ने प्रशासनिक सेवाओं में एक नई लहर पैदा की है और इसे भविष्य में भी सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाएगा। महाराष्ट्र सरकार और राज्य के लोगों के लिए यह एक गर्व का क्षण है और इससे राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में एक नया इतिहास लिखा जाएगा।