मोंथा तूफान ने उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में लगाया येलो अलर्ट: भारी बारिश और तेज हवाएं
अक्तू॰, 30 2025
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के 17 जिलों में चक्रवाती तूफान 'मोंथा' के प्रभाव से भारी बारिश और 30-40 किमी/घंटा की तेज़ हवाओं की चेतावनी जारी की है। यह अलर्ट बुधवार, 29 अक्टूबर 2025 को शुरू हुआ और अगले दो दिनों तक लागू रहेगा। लगभग 35 जिलों में तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की उम्मीद है — ऐसा पहली बार अक्टूबर के अंत में देखा जा रहा है। यहाँ तक कि लखनऊ और आगरा जैसे शहरों में भी दिनभर बारिश और ठंडी हवाओं का अहसास हुआ, जो आमतौर पर नवंबर की बात होती है।
मोंथा का सफर: आंध्र से लेकर यूपी तक
चक्रवात 'मोंथा' बंगाल की खाड़ी में बना और 29 अक्टूबर 2025 को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के निकट तट पर जमीन छूई। यहाँ तेज़ हवाओं ने पेड़ उखाड़ दिए, बिजली के खंभे गिराए, और कई इलाकों में बिजली चली गई। आंध्र प्रदेश सरकार ने रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया। ओडिशा ने रेड अलर्ट जारी किया, जबकि तमिलनाडु के बंदरगाहों पर जहाजों को सावधानी के लिए चेतावनी भेजी गई। अब यह तूफान उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ रहा है — और इसका असर अब यूपी के गांवों तक पहुंच गया है।
प्रभावित जिले: वाराणसी, मिर्जापुर और आजमगढ़ सब तैयार
येलो अलर्ट के तहत शामिल जिले हैं: वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, संत रविदासनगर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकूट, और घाजीपुर। यहाँ आज रात से बौछारें पड़ने की संभावना है — कुछ जगहों पर एक घंटे में 50 मिमी बारिश हो सकती है। जिला प्रशासन ने स्कूल बंद करने का आदेश दिया है, और स्वास्थ्य केंद्रों को आपातकालीन दवाओं के साथ तैयार किया गया है।
बिहार और छत्तीसगढ़ में भी चेतावनी
यह तूफान सिर्फ यूपी तक ही सीमित नहीं है। बिहार के 20 जिलों में भी अलर्ट जारी है, जिसमें सीवान जिले में मंगलवार से ही बारिश शुरू हो गई। छत्तीसगढ़ के दक्षिणी जिलों — नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुमा — में रेड अलर्ट लगा हुआ है। यहाँ जमीन बहुत नम है, और अगर और बारिश हुई तो भूस्खलन का खतरा है।
राहत और आपदा प्रबंधन: 45 टीमें तैनात
आपदा प्रबंधन बल (NDRF) की 45 टीमें ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तैनात हैं। कई जिलों में रेस्क्यू टीमें नदियों के किनारे और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में घूम रही हैं। रेलवे ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा से लेकर पश्चिम बंगाल तक 127 ट्रेनों की सेवाएं रद्द कर दी हैं। उड़ानें भी रद्द हो चुकी हैं — विशेषकर विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर और कोलकाता के हवाई अड्डों पर। यूपी के कई जिलों में लोग अब खिड़कियों पर टेप लगा रहे हैं, और बारिश से पहले ही घरों के छतों को ठीक करवा रहे हैं।
अगले 48 घंटे क्या होगा?
मौसम विभाग के मुताबिक, 31 अक्टूबर 2025 तक पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बर्दवान, जलपाईगुड़ी और मालदा जिलों में भी भारी बारिश की संभावना है। यूपी में बारिश रुक-रुक कर जारी रहेगी — लेकिन अगले दो दिनों में सबसे ज्यादा खतरा वाराणसी-मिर्जापुर धुरी पर है। तापमान में गिरावट के कारण लोगों को सर्दी और सांस संबंधी बीमारियों की चेतावनी दी गई है। डॉक्टर्स बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने से रोक रहे हैं।
ऐसा क्यों हुआ? पिछले अनुभवों से सीख
2023 में भी 'साइक्लोन देबी' ने उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से को झटका दिया था, लेकिन उस बार तूफान बहुत जल्दी कमजोर हो गया था। इस बार, मोंथा का गठन ज्यादा स्थिर है, और जेट स्ट्रीम की दिशा ने इसे उत्तर की ओर धकेल दिया। वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी के पानी का तापमान अब लगातार 29.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है — जो तूफानों को ज्यादा शक्ति देता है। यह बदलाव पिछले 10 सालों में देखा जा रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मोंथा तूफान के कारण यूपी में बाढ़ का खतरा क्या है?
मौसम विभाग के अनुसार, वाराणसी, प्रयागराज और घाजीपुर जिलों में गंगा और गोमती नदियों के किनारे बाढ़ का खतरा है, क्योंकि यहाँ भूमि बहुत नम है और बारिश के बाद पानी बहने का रास्ता कम है। जिला प्रशासन ने 12 बाढ़ नियंत्रण केंद्र तैनात किए हैं।
क्या इस तूफान के कारण बिजली की आपूर्ति बाधित होगी?
हाँ, विशेषकर वाराणसी, आजमगढ़ और चंदौली में तेज हवाओं के कारण बिजली के खंभे गिर सकते हैं। यूपी बिजली बोर्ड ने 200 टीमों को तैनात किया है, और आपातकालीन जनरेटर्स तैयार हैं। लोगों को बिजली के बर्तनों को अलग करने की सलाह दी गई है।
क्या स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे?
हाँ, यूपी के 17 प्रभावित जिलों में सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान 30 और 31 अक्टूबर को बंद रहेंगे। बच्चों के लिए घर पर पढ़ाई के लिए डिजिटल लर्निंग लिंक जारी किए गए हैं।
मोंथा के बाद क्या होगा? क्या और तूफान आ सकते हैं?
IMD के अनुसार, अगले दो सप्ताह तक बंगाल की खाड़ी में कमजोर उथल-पुथल की संभावना है, लेकिन अभी कोई नया चक्रवात नहीं बन रहा है। लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण अक्टूबर-नवंबर में तूफान अब आम हो गए हैं — इसलिए तैयारी जारी रखनी होगी।
Yogesh Dhakne
नवंबर 1, 2025 AT 10:02ये मोंथा तूफान असल में बहुत बड़ा है, पर हम लोग अभी भी इसे एक आम बारिश समझ रहे हैं। घर की छत पर टेप लगाने का विचार तो बहुत अच्छा है, मैंने भी कल कर लिया। 😅
kuldeep pandey
नवंबर 2, 2025 AT 17:31अच्छा, तो अब तूफान भी एक्सेसरी बन गए? अक्टूबर में ठंड, बारिश, बिजली चली गई - ये तो मानो दिवाली के बाद का सरप्राइज है। अब आगे क्या? बर्फ के टुकड़े गिरेंगे? 🙄
Hannah John
नवंबर 4, 2025 AT 13:25ये सब तो सरकार की चाल है भाई... तूफान का नाम 'मोंथा' क्यों रखा? क्योंकि ये चीनी कंपनी का नया टेलीविजन एड है! दुनिया भर में बारिश का नाम बदल दिया जा रहा है ताकि लोगों को डर लगे और नए फोन खरीदें। IMD भी उनके हाथों में है। अब बारिश के बाद एआई रिमोट चालू हो जाएगा।
Akshat goyal
नवंबर 5, 2025 AT 11:38स्कूल बंद हैं। बच्चों को घर में रखो।
Amit Mitra
नवंबर 6, 2025 AT 17:20देखो, ये जलवायु परिवर्तन का असर अब सिर्फ बर्फ पिघलने तक ही सीमित नहीं रह गया। अब बंगाल की खाड़ी का पानी 29.5 डिग्री पर स्थिर है - ये वो तापमान है जहाँ तूफान बनने के लिए परफेक्ट कंडीशन होती है। पिछले 10 साल में ये तापमान 27.5 से बढ़कर आया है। ये सिर्फ एक बार की घटना नहीं, एक ट्रेंड है। और हम इसे अनदेखा कर रहे हैं। जब तक हम ये नहीं समझेंगे कि हम एक नए जलवायु युग में रह रहे हैं, तब तक ये तूफान बढ़ते रहेंगे।
sneha arora
नवंबर 8, 2025 AT 12:44बहुत डरावना लग रहा है... पर आप सब लोग सावधान रहिए! 🙏 घर में रहें, बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, और दूसरों की मदद करें ❤️
Sagar Solanki
नवंबर 9, 2025 AT 17:49मोंथा एक नाम है जिसे विश्व बैंक ने निर्धारित किया है। इसका असली नाम 'साइक्लोन-2025-अल्फा' है। ये एक वैश्विक आर्थिक अभियान है जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में बाढ़-आधारित बीमा उत्पादों को बेचना है। आप लोग बारिश को तूफान कह रहे हैं, लेकिन ये एक फाइनेंशियल डिवाइस है।
Siddharth Madan
नवंबर 10, 2025 AT 17:06हमारे गांव में भी बारिश हुई लेकिन कोई नहीं डर रहा। लोग बाजार में जा रहे हैं। बस थोड़ा ध्यान रखना है।
Nathan Roberson
नवंबर 12, 2025 AT 07:46मैंने अपने दोस्त को फोन किया जो वाराणसी में है, उसने कहा कि उसके घर की छत पर एक टुकड़ा उड़ गया था। लेकिन अभी तक कोई बड़ी नुकसान नहीं हुआ। लोग अच्छी तरह तैयार हैं।
Thomas Mathew
नवंबर 12, 2025 AT 09:58तूफान नहीं, ये तो देवताओं का गुस्सा है। पिछले युग में भी ऐसा हुआ था जब बारिश ने एक राजा को नष्ट कर दिया था। अब हम इंटरनेट पर लिख रहे हैं, लेकिन वो आकाश देख रहा है। जो लोग इसे विज्ञान कहते हैं, वो अपनी आत्मा को भूल गए।
Dr.Arunagiri Ganesan
नवंबर 12, 2025 AT 22:14ये तूफान भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रमाण है। हम अपने गांवों में बारिश के साथ जीते हैं। ये सिर्फ एक मौसम नहीं, ये हमारी पहचान है। इस तरह की बारिश ने हमें बनाया है।
chandra aja
नवंबर 14, 2025 AT 20:35ये सब एक लॉबी है जो बाढ़ के लिए फंड चाहती है। आंध्र में तो कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यूपी में बारिश के नाम पर भुगतान करवाया जा रहा है। NDRF टीमें? वो तो सिर्फ ट्रेनिंग के लिए घूम रही हैं।
Sutirtha Bagchi
नवंबर 16, 2025 AT 08:13मेरे बेटे के स्कूल बंद हैं और मैं घर पर रह रही हूँ! अगर बिजली चली गई तो मैं बच्चे के लिए लैपटॉप चलाने के लिए पावर बैंक लेकर आऊंगी! ये सब बहुत बुरा है! 😭
Abhishek Deshpande
नवंबर 17, 2025 AT 00:37मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात एक अत्यधिक विकसित उष्णकटिबंधीय चक्रवात के रूप में वर्गीकृत है, जिसकी अधिकतम सतह वायु की गति 65 किमी/घंटा है, और इसका केंद्रीय दबाव 985 हेक्टोपास्कल है। इसके अतिरिक्त, बंगाल की खाड़ी के जल का तापमान 29.5°C के ऊपर बना रहना, जो तूफान के लिए एक अत्यधिक अनुकूल परिस्थिति है, इसके लिए जलवायु परिवर्तन का दोष दिया जा रहा है, जिसकी उत्पत्ति वास्तव में वैश्विक वायु धाराओं के असंतुलन से हुई है।
vikram yadav
नवंबर 18, 2025 AT 08:37मैंने अपने गांव में बाढ़ के लिए तैयारी की थी। हमने बाल्टी, रसोई के बर्तन, और चावल के बोरे ऊपर उठा लिए। लोगों ने अपने घरों की छतें मजबूत कीं। हमारा गांव बाढ़ से बच गया। ये तैयारी ही असली ताकत है।