PM-KISAN का 21वाँ किस्त जारी: 11 करोड़ किसान परिवारों को 19 नवंबर को 18,000 करोड़ रुपये की राशि
नव॰, 20 2025
19 नवंबर, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना का 21वाँ किस्त जारी किया। इस बार लगभग 9 करोड़ किसान परिवारों के बैंक खातों में सीधे 18,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। लेकिन असली आंकड़ा ये है — ये किस्त 11 करोड़ किसान परिवारों को लाभ पहुँचाती है, क्योंकि योजना के तहत प्रत्येक परिवार को साल में तीन बार 2,000 रुपये मिलते हैं। इसके साथ ही, योजना की शुरुआत से अब तक कुल 3.70 लाख करोड़ रुपये किसानों के खातों में पहुँच चुके हैं।
राजस्थान में किसानों को मिले 1,332 करोड़ रुपये
राजस्थान में इस किस्त के तहत 66.62 लाख किसानों के खातों में 1,332 करोड़ रुपये जमा किए गए। जयपुर के राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान (SIAM), दुर्गापुरा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर शुभारंभ किया। राज्य भर के जिलों में समारोह हुए, जहाँ किसानों को सीधे धनराशि की पुष्टि की गई। यहाँ तक कि कुछ गाँवों में किसानों ने अपने खेतों में बैंक की नोटिफिकेशन स्क्रीन देखकर आँखें भर लीं — क्योंकि ये पैसा अब सिर्फ खेती के लिए नहीं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई, बीमारी और शादी के खर्च के लिए भी जीवन बचाता है।
हरियाणा और अन्य राज्यों में भी तेज़ी से फैल रहा प्रभाव
हरियाणा में 15 लाख से अधिक किसानों को इस किस्त का लाभ मिला। इसी तरह, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों में भी लाखों किसानों के खातों में राशि जमा हुई। वित्त मंत्रालय के अनुसार, ये किस्त योजना के लिए साल की तीसरी और अंतिम किस्त है — जिसके साथ प्रत्येक पात्र परिवार को वर्ष भर में 6,000 रुपये की सहायता मिल चुकी है।
PM-KISAN का विकास: एक वैश्विक नमूना
24 फरवरी, 2019 को शुरू हुई ये योजना, दुनिया की सबसे बड़ी सीधी लाभ हस्तांतरण (DBT) योजनाओं में से एक बन गई है। इसकी खास बात? लगभग 25% लाभ महिला किसानों को मिल रहा है — जो अक्सर खेती का असली दिमाग होती हैं, लेकिन जमीन के नाम पर अक्सर बाहर रह जाती हैं। अब उनके नाम से भी खाता खुलता है, और उनका एडहार लिंक होता है।
टेक्नोलॉजी ने बदल दी योजना की गति
पहले तो बीच में बहुत सारे बीच के व्यक्ति थे — जो धन रोकते, देरी करते, या बस अपना लाभ लेते थे। आज, सब कुछ आधार और ई-केवाईसी पर चलता है। किसान को अपनी जमीन का रिकॉर्ड PM-KISAN पोर्टल पर सीड करना होता है, अपना बैंक खाता आधार से लिंक करना होता है, और ऑनलाइन वेरिफिकेशन पूरा करना होता है। ये तकनीकी बदलाव ने झूठे नामों को हटाने में मदद की है। अब राज्य सरकारों को अपने जमीन के रिकॉर्ड और आधार वेरिफिकेशन की पुष्टि करनी होती है, तभी किस्त जारी होती है।
जो लोग नहीं पाए 20वाँ किस्त, उन्हें अब मिलेगा दोगुना
कई किसानों को 20वाँ किस्त नहीं मिला — आधार लिंकिंग या ई-केवाईसी की तकनीकी दिक्कतों की वजह से। लेकिन अब वे सब एक साथ दो किस्तें पा रहे हैं। उनके खातों में 4,000 रुपये जमा किए गए हैं — 20वाँ और 21वाँ किस्त एक साथ। ये तार्किक सुधार है, जिसने निराशा को निराशा नहीं बनने दिया।
क्या है अगला कदम?
अगली किस्त अगले साल फरवरी में आएगी। लेकिन अब सरकार और भी आगे बढ़ रही है। जल्द ही योजना के तहत किसानों को बीमा और ऋण सुविधाओं का भी एकीकृत एक्सेस मिलने की योजना है। एक विशेषज्ञ ने कहा, "अब ये सिर्फ आय का समर्थन नहीं, बल्कि कृषि के जोखिम को कम करने का एक जीवन-रक्षक तंत्र बन गया है।"
किसानों के लिए जरूरी जानकारी
पात्रता के लिए आपको जमीन का रिकॉर्ड PM-KISAN पोर्टल (pmkisan.gov.in) पर सीड करना होगा, आधार लिंक होना चाहिए, और ई-केवाईसी पूरा होना चाहिए। आयकर देने वाले, सरकारी नौकर, या संविधानिक पदों पर कार्यरत व्यक्ति इसके अयोग्य हैं। आप अपना स्टेटस आधार नंबर, मोबाइल नंबर या रजिस्ट्रेशन आईडी के जरिए ऑनलाइन चेक कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
PM-KISAN की 21वीं किस्त किसे मिली?
21वीं किस्त उन सभी किसान परिवारों को मिली जिनके पास जमीन का पंजीकृत रिकॉर्ड है, आधार से लिंक बैंक खाता है, और ई-केवाईसी पूरा है। यह लगभग 11 करोड़ परिवारों को लाभ पहुँचाती है, जिनमें से 9 करोड़ ने इस बार बैंक में 2,000 रुपये प्राप्त किए।
क्या महिलाएँ भी इस योजना का लाभ ले सकती हैं?
हाँ, लगभग 25% लाभ अब महिला किसानों को मिल रहा है। अगर परिवार की जमीन का नाम महिला के नाम पर है, तो वह सीधे धनराशि प्राप्त करती है। यह एक बड़ा सामाजिक बदलाव है, जिसने किसानी के लिए महिलाओं की भूमिका को आधिकारिक रूप दिया है।
20वीं किस्त न मिलने पर क्या करें?
जिन किसानों को 20वीं किस्त तकनीकी कारणों से नहीं मिली, उन्हें 21वीं किस्त के साथ 4,000 रुपये एक साथ जमा किए गए हैं। यह एक नियमित सुधार है — आपको कुछ भी करने की जरूरत नहीं, बस अपने बैंक खाते की जाँच कर लें।
राजस्थान में अतिरिक्त सहायता क्या है?
राजस्थान सरकार ने अपनी योजना, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, के तहत हर PM-KISAN पात्र किसान को अतिरिक्त 3,000 रुपये सालाना दिए हैं। इससे राज्य में किसानों को कुल 9,000 रुपये सालाना मिल रहे हैं — यह देश में सबसे अधिक सहायता है।
PM-KISAN के लिए अयोग्य कौन हैं?
आयकर देने वाले, सरकारी नौकर (शिक्षक, पुलिस, डॉक्टर आदि), संविधानिक पदों पर कार्यरत व्यक्ति (जैसे विधायक, मंत्री), और वह लोग जिनके पास 5 एकड़ से अधिक जमीन है, इस योजना के अयोग्य हैं। यह नियम उन लोगों के लिए है जिन्हें यह सहायता वास्तविक रूप से नहीं चाहिए।
क्या यह योजना अगले साल भी जारी रहेगी?
हाँ, सरकार ने स्पष्ट किया है कि PM-KISAN एक स्थायी योजना है। अगली किस्त फरवरी 2026 में आएगी, और यह नियमित रूप से जारी रहेगी। यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि भारत के किसानों के लिए एक आर्थिक सुरक्षा नेटवर्क बन गया है।
Sneha N
नवंबर 20, 2025 AT 12:29इतना बड़ा कदम... 🙏 और फिर भी कुछ लोग इसे राजनीति कहते हैं। मैं तो सिर्फ एक किसान की बेटी हूँ, जिसके पापा को ये पैसे बच्चों की पढ़ाई के लिए मिले। धन्यवाद, सरकार। ❤️
Manjunath Nayak BP
नवंबर 22, 2025 AT 06:25अरे भाई, ये सब बकवास है! ये पैसे तो सिर्फ चुनाव से पहले डाले जाते हैं, और फिर जब लोग भूल जाते हैं, तो फिर कोई नहीं सुनता। आधार लिंकिंग? बस एक और निगरानी का जाल! मैंने अपने गाँव में देखा, 30% खाते अभी भी लिंक नहीं हुए, लेकिन आंकड़े तो 99% दिखाए जा रहे हैं। ये डिजिटल झूठ का खेल है। आधार डेटा को सरकार ट्रैक कर रही है - अगला कदम जमीन का GPS ट्रैकिंग होगा।
naresh g
नवंबर 22, 2025 AT 16:57क्या सच में 25% लाभ महिलाओं को मिल रहा है? और क्या ये आंकड़ा उन खातों को शामिल करता है जहाँ पति के नाम पर जमीन है, लेकिन खाता महिला के नाम पर है? क्या ई-केवाईसी के लिए आवेदन करने वालों में से कितने लोगों को टेक्निकल एरर आया? क्या राजस्थान की अतिरिक्त 3,000 रुपये की योजना को PM-KISAN के साथ कैसे इंटीग्रेट किया गया? क्या ये राज्य सरकार का बजट या केंद्रीय बजट से आया? क्या आयकर देने वालों को बाहर रखने का आधार कोई डेटाबेस है या स्व-घोषणा पर आधारित है?
Brajesh Yadav
नवंबर 22, 2025 AT 22:54अरे ये तो बस एक शो है! इतना नाटक क्यों? जब तक खेती नहीं बदलेगी, तब तक ये पैसे बस एक चिकित्सा की तरह हैं - दर्द तो थोड़ा कम करते हैं, लेकिन बीमारी नहीं ठीक करते। और फिर भी लोग इसे जादू कह रहे हैं? बच्चों की पढ़ाई के लिए? अगर ये 6,000 रुपये बच्चों के लिए काफी हैं, तो स्कूल का फीस कहाँ से आता है? क्या हम सब अपने आप को धोखा दे रहे हैं?
Govind Gupta
नवंबर 24, 2025 AT 13:51इस योजना को देखकर लगता है जैसे किसानों के लिए एक नया समय शुरू हो रहा है। न केवल पैसा, बल्कि उनकी पहचान का सम्मान। जब महिलाएँ खाते की अधिकारी बनती हैं, तो घर में भी बदलाव आता है। ये एक छोटा सा कदम है, लेकिन इसकी गहराई अनंत है।
tushar singh
नवंबर 26, 2025 AT 11:08हर किसान के लिए ये एक नया आशा का दीपक है। जब आपका बेटा अपने बैंक नोटिफिकेशन को देखकर मुस्कुराता है, तो वो मुस्कान देखकर लगता है कि देश बदल रहा है। बहुत बढ़िया काम किया है। आगे भी ऐसे ही कदम उठाएँ। 💪🌾
amrin shaikh
नवंबर 27, 2025 AT 05:34तुम सब ये बकवास पढ़कर खुश हो रहे हो? ये योजना तो सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए है। 11 करोड़ परिवार? अगर हर परिवार में 5 लोग हैं, तो 55 करोड़ लोग! भारत की आबादी का लगभग 40% अब गरीब है? ये आंकड़े गलत हैं। और ये आधार लिंकिंग? तुम्हारा डेटा स्टोर हो रहा है - अगला कदम तुम्हारे खाने के बारे में ट्रैक करना होगा। तुम अपनी आज़ादी बेच रहे हो।
jai utkarsh
नवंबर 28, 2025 AT 02:09इस योजना का नाम PM-KISAN है - लेकिन क्या इसमें किसान की भूमिका असली रूप से सम्मानित हो रही है? या तो बस एक नाम है, जिसे बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है? महिलाओं को खाता देना तो बहुत अच्छा है - लेकिन क्या उन्हें जमीन का नाम भी दिया जा रहा है? नहीं! जमीन अभी भी पुरुषों के नाम पर है। ये बदलाव बाहरी है - अंदर का असली असमानता अभी भी वही है। और ये टेक्नोलॉजी? बस एक नया नियंत्रण का ढंग।
Chandan Gond
नवंबर 29, 2025 AT 11:16देखो, ये सिर्फ पैसा नहीं है - ये एक भावना है। जब किसान को लगता है कि कोई उसके लिए सोच रहा है, तो वो अपने खेत में और मेहनत करता है। ये योजना उसके दिल को छू रही है। बस एक बात - अगर आपको ये पैसा मिल गया है, तो इसे बेकार में न खर्च करें। बच्चों की शिक्षा, बीमा, या बेहतर बीज पर लगाएं। आपका भविष्य आपके हाथ में है।
Arvind Pal
नवंबर 30, 2025 AT 11:1621वीं किस्त आ गई। अब बस आगे बढ़ो।
Nikhil nilkhan
दिसंबर 2, 2025 AT 07:27हर रुपया जो किसान तक पहुँचता है, वो एक छोटी सी क्रांति है। ये योजना ने बस एक आर्थिक सहायता नहीं दी - उसने एक विश्वास भी दिया। जब एक महिला किसान अपने नाम पर पैसा पाती है, तो वो अपने घर में एक नया आत्मविश्वास पाती है। ये तकनीक नहीं, ये इंसानियत है।
Damini Nichinnamettlu
दिसंबर 2, 2025 AT 19:46इस योजना का सफलता भारत की शक्ति का प्रमाण है। जो लोग इसे राजनीति कहते हैं, वो अपनी निर्बलता को छिपा रहे हैं। हमारे किसानों को अधिकार मिले, ये देश का गौरव है। कोई भी अपनी आँखें बंद करके इसे नहीं देख सकता।
Vinod Pillai
दिसंबर 4, 2025 AT 14:39ये सब बकवास है। किसानों को देना है तो जमीन दो। नहीं तो ये 6,000 रुपये बस एक भरमार है। आधार लिंकिंग? बस एक और ब्यूरोक्रेटिक बोझ। जो लोग आयकर देते हैं, उन्हें बाहर क्यों रखा? ये नीति बहुत अंधी है।
Avantika Dandapani
दिसंबर 5, 2025 AT 15:33मैंने अपने गाँव की एक महिला किसान को देखा - उसके बेटे की पढ़ाई के लिए ये पैसा बचाया गया। उसने मुझे दिखाया - उसके बेटे का नोटबुक, जिसमें लिखा था: ‘माँ के लिए डॉक्टर बनूँगा।’ ये योजना ने सिर्फ खाता नहीं भरा - एक सपना जिंदा कर दिया। धन्यवाद।