शिमला में संजौली मस्जिद का 'अवैध' हिस्सा हटाने के मुस्लिम पैनल का प्रस्ताव
सित॰, 12 2024शिमला की संजौली मस्जिद पर उठे विवाद
शिमला की संजौली मस्जिद का मामला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने नगर निगम के सामने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा है जिसके तहत मस्जिद के कथित अवैध हिस्से को सील या ध्वस्त करने की बात कही गई है। इस प्रस्ताव के पीछे का मकसद क्षेत्र में शांति और सौहार्द्र को बनाए रखना बताया जा रहा है।
मस्जिद निर्माण का विवाद
स्थानीय और हिन्दू संगठनों का कहना है कि संजौली मस्जिद का निर्माण अवैध है। इन विरोधों के चलते मुस्लिम समुदाय ने यह पहल की है। मस्जिद के इमाम शहजाद ने बताया कि उनका समुदाय शांति की वकालत करता है और किसी भी तरह के अवैध निर्माण को लेकर वे कोई विवाद नहीं चाहते हैं। इसलिए उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि प्रशासन अवैध हिस्से को सील या ध्वस्त कर दे।
हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन
बुधवार को हिन्दू संगठनों की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और वाटर कैनन का उपयोग करना पड़ा। विरोधियों का मानना है कि यहां अवैध निर्माण के जरिए समुदाय विशेष के हितों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
शांति और भाईचारे की पहल
इमाम शहजाद ने बताया कि इस इलाके में मुस्लिम समुदाय दशकों से रह रहा है और उनकी तरह हमेशा शांति और भाईचारा बनाए रखने की कोशिश की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से समुदाय के हित में लिया गया है।
नगर निगम का रुख
शिमला नगर निगम के कमिश्नर भूपेंद्र अत्री ने बताया कि मुस्लिम समुदाय का प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है और वे अवैध निर्माण की सीमा का पता लगाने के लिए जांच करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम किसी भी अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं करेगा और तुरंत कार्रवाई करेगा।
विरोध प्रदर्शन करने वालों का स्वागत
देव भूमि संघर्ष समिति के सदस्यों, जो इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे, ने मुस्लिम समुदाय की इस पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह कदम शांति और सौहार्द्र को बढ़ावा देगा और इस तरह के संवेदनशील मामलों में सभी पक्षों को आगे आकर समस्या का समाधान करना चाहिए।
स्थानीय व्यापारियों का बंद
शिमला व्यापार मंडल ने भी इस मुद्दे पर अपनी असहमति जताते हुए बंद का आह्वान किया था। बुधवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक सभी दुकाने बंद रही। इसका मकसद प्रशासन को इस मामले की गंभीरता का अहसास कराना था।
अदालत में चल रहा मामला
मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला फिलहाल नगर निगम की अदालत में विचाराधीन है। सभी पक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश कर चुके हैं और अब अदालत को निर्णय लेना है।
इस पूरे प्रकरण से यह साफ है कि इस क्षेत्र में रहने वाले लोग शांति और भाईचारे के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। मुस्लिम समुदाय का यह कदम निश्चित तौर पर शिमला के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करेगा और विभिन्न जातियों और धर्मों के बीच सम्प्रदायिक सौहार्द को प्रोत्साहित करेगा।