10 मीटर एयर राइफल

जब आप 10 मीटर एयर राइफल, एक छोटी, हल्की निशानेबाजी की बंदूक जो हवा के दबाव से गोली चलाती है और 10 मीटर की दूरी पर सटीकता का परीक्षण करती है. इसे एयर राइफल, ओलंपिक शूटिंग का एक मानक विषय है, जिसमें खिलाड़ी बिना किसी आवाज़ और झटके के बहुत ही छोटे लक्ष्य को मारते हैं। यह कोई खेल नहीं, बल्कि एक जान-बूझकर शांति का अभ्यास है। यहाँ आपको अपने दिमाग को शांत करना, सांस लेने का नियंत्रण करना और एक ही बिंदु पर ध्यान केंद्रित करना सीखना होता है।

यह बंदूक वास्तव में कोई बड़ी बंदूक नहीं होती। यह एक छोटी, सटीक डिवाइस है जिसका वजन लगभग 5-6 किलोग्राम होता है। इसमें कोई बैरल नहीं होता, बल्कि एक बहुत ही पतला नली होता है जिससे हवा के दबाव से 4.5 मिमी की एक छोटी सी गोली चलती है। यह गोली एक कागज के टुकड़े पर जाकर लगती है, जिसका बीचोंबीच का छोटा सा बिंदु सिर्फ 0.5 मिमी का होता है। इसका मतलब है कि आपको अपने हाथ को बिल्कुल स्थिर रखना होगा, जैसे कोई चित्रकार एक बिंदु बना रहा हो। यह खेल किसी के शरीर की ताकत नहीं, बल्कि उसकी आत्मा की शांति का परीक्षण है।

भारत में यह खेल अब सिर्फ ओलंपिक के लिए नहीं, बल्कि स्कूलों और खेल विकास केंद्रों में भी लोकप्रिय हो रहा है। नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ियों की तरह, राज्यवर्धन राठौर, भारत के पहले ओलंपिक निशानेबाज जिन्होंने इस खेल में रजत पदक जीता, और अभिनव बिंद्रा, 2008 बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय ने इस खेल को देश के लिए गर्व का विषय बना दिया। आज भी यह खेल भारतीय निशानेबाजों के लिए एक आध्यात्मिक और तकनीकी चुनौती है।

इस खेल को समझने के लिए क्या ज़रूरी है?

अगर आप इस खेल को देख रहे हैं, तो आपको लगेगा कि यह बहुत आसान है — बस एक बंदूक उठाओ और लक्ष्य पर निशाना लगाओ। लेकिन यह खेल इतना सरल नहीं है। यहाँ आपको अपने दिमाग को शांत रखना होता है, अपने दिल की धड़कन को नियंत्रित करना होता है, और एक ही बिंदु पर अपनी पूरी ऊर्जा केंद्रित करनी होती है। इसलिए इस खेल में जो खिलाड़ी सफल होते हैं, वे न केवल तकनीकी रूप से अच्छे होते हैं, बल्कि मानसिक रूप से बहुत मजबूत होते हैं।

आपके नीचे दिए गए लेखों में आपको ऐसे ही विभिन्न खेलों, खिलाड़ियों और घटनाओं की जानकारी मिलेगी — जिनमें सटीकता, शांति और अद्भुत प्रदर्शन का जादू है। कुछ में निशानेबाजी की तरह एक छोटी सी बंदूक है, तो कुछ में एक बड़ी टीम का एक ही निर्णय। लेकिन सब में एक ही बात है: जब दिमाग शांत होता है, तो असंभव संभव हो जाता है।

रामिता जिंदल ने इतिहास रचा, पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में पहुंचीं
रामिता जिंदल ने इतिहास रचा, पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में पहुंचीं

रामिता जिंदल ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में पहुंचकर भारतीय निशानेबाजी में इतिहास रचा। 634.1 पॉइंट्स के साथ क्वालीफिकेशन राउंड में जगह बनाई। उनकी यह उपलब्धि खास है क्योंकि भारतीय निशानेबाजी दल पिछले प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाया था। 22 वर्षीय जिंदल हरियाणा से हैं और यह उनका पहला ओलंपिक है।