आईपीओ आवंटन – सरल शब्दों में समझें

जब आप आईपीओ आवंटन, एक नई कंपनी के शेयरों को सार्वजनिक निवेशकों के बीच बाँटने की प्रक्रिया. Also known as शेयर allotment, it determines who gets how many shares at what price. अक्सर लोग इसे जटिल समझते हैं, लेकिन असल में यह बिडिंग, मांग‑आपूर्ति और नियामक नियमों का मिलाजुला खेल है। नीचे हम इस प्रक्रिया के मुख्य घटकों को तोड़‑तोड़ कर बताएँगे, ताकि आप अगली बार जब किसी IPO में हिस्सा लें, तो भरोसा रहे कि आप क्या कर रहे हैं।

एक और महत्त्वपूर्ण इकाई है शेयर बाजार, जहाँ सभी सार्वजनिक कंपनियों के शेयर ट्रेड होते हैं. IPO आवंटन सीधे इस बाजार से जुड़ा है क्योंकि बाजार की स्थितियां, जैसे इंडेक्स की प्रवृत्ति और वैल्यूएशन, बिडिंग को प्रभावित करती हैं। अगर बाजार में उत्साह है, तो निवेशकों की मांग बढ़ती है, जिससे कंपनी अधिक शेयर अलोकेट कर सकती है या प्राइस बढ़ा सकती है। यही कारण है कि निवेशक अक्सर IPO के दिन बाजार के मूवमेंट को देख कर अपनी बिड तय करते हैं।

अब बात करते हैं बुक बिड, IPO में निवेशकों द्वारा जमा की गई कुल खरीदी इच्छा. बुक बिड की रकम सीधे आवेदन की संख्या और मात्रा से बनती है। अगर बुक बिड बहुत बड़ी है, तो कंपनी को शेयरों का न्यायसंगत वितरण करना पड़ता है; नहीं तो छोटे निवेशकों को बड़ा हिस्सा मिलेगा। बुक बिड का आकार यह भी तय करता है कि कंपनी को कितनी राशि मिल सकती है और किस हद तक उसे अपना फंडिंग लक्ष्य पूरा करना है।

IPO आवंटन के मुख्य चरण

पहला चरण है ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस की तैयारी, जहाँ कंपनी अपने बिजनेस मॉडल, फाइनेंस और एंट्री वैल्यूएशन बता रही होती है। दूसरा चरण – बिक्री प्रक्रिया – इसमें एंडरराइटर्स (जैसे बैंकों) बिड को इकट्ठा करते हैं और नियामक को फाइल करते हैं। तीसरा चरण, ऑफर साइज निर्धारण, बुक बिड के आधार पर तय होता है कि कुल कितने शेयर जारी किए जाएंगे। अंतिम चरण में अलोकेशन होता है, जहाँ तय होता है कौन‑से निवेशकों को कितने शेयर मिलेंगे, और शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद ट्रेड शुरू होती है।

इन चरणों को समझने से आप अपनी बिड रणनीति को बेहतर बना सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि आप छोटे निवेशक हैं लेकिन बुक बिड कम है, तो आप अधिक शेयर पाने की संभावना रख सकते हैं। वहीं बड़ी बिडिंग वाले संस्थागत निवेशकों को अक्सर प्रॉ‑रेटेड अलोकेशन मिलता है, यानी उनका हिस्सा उनके बिड की प्रतिशतता के अनुसार तय होता है। यह सब समझना जरूरी है, क्योंकि कई बार लोग केवल कीमत देख कर बिड लगाते हैं, पर अलोकेशन का नियम अलग हो सकता है।

एक और जरूरी पहलू है न्यायसंगत बिडिंग नीतियां, जो नियामक (SEBI) द्वारा तय की जाती हैं। ये नियम छोटे निवेशकों को सुरक्षा देते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी व्यक्ति या संस्था अत्यधिक शेयर नहीं जमा कर सके। उदाहरण के लिए, SEBI ने एक पहलू पेश किया है कि कोई भी इकाई किसी कंपनी के अधिकतम 25% शेयर नहीं ले सकती। इस तरह के नियम IPO आवंटन की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखते हैं।

यदि आप भविष्य में किसी IPO में भाग लेना चाहते हैं, तो ऊपर बताए गए चरणों, बुक बिड और शेयर बाजार के प्रभाव को याद रखें। अपने निवेश लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता और बाजार की मौजूदा स्थिति के आधार पर बिड राशि तय करें। कई लोग अपने बिड को बहुत हाई रखते हैं, जिससे कई बार अलोकेशन नहीं मिल पाता – इसलिए सही आंकड़े और ठोस योजना बनाना ज़रूरी है।

अब जब आपने IPO आवंटन की पूरी तस्वीर देख ली, तो नीचे दिया गया पोस्ट संग्रह आपको अलग‑अलग कंपनियों के हालिया IPO, बिडिंग टिप्स और बाजार विश्लेषण के बारे में गहराई से बताएगा। इन लेखों को पढ़कर आप अपनी अगली शेयर खरीदारी के लिए तैयार हो सकते हैं।

विशाल मेगा मार्ट आईपीओ आवंटन: नवीनतम जीएमपी और ऑनलाइन स्थिति कैसे जांचें
विशाल मेगा मार्ट आईपीओ आवंटन: नवीनतम जीएमपी और ऑनलाइन स्थिति कैसे जांचें

विशाल मेगा मार्ट आईपीओ का आवंटन 16 दिसंबर 2024 को पूरा हो गया है। निवेशक अब बीएसई या केफिन टेक्नोलॉजीज की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन स्थिति की जांच कर सकते हैं। इस आईपीओ की सब्सक्रिप्शन 28.75 गुना हुई, और इसके ग्रे मार्केट प्रीमियम ने 24.36% लाभ का संकेत दिया है। सूचीबद्ध दिनांक 18 दिसंबर 2024 के लिए निर्धारित है।