भारतीय निशानेबाज: क्रिकेट, खेल और राष्ट्रीय गर्व की कहानियाँ
जब भारतीय निशानेबाज बल्ले से लक्ष्य ठीक से मारता है, तो वो सिर्फ रन नहीं बनाता, वो देश का गर्व बन जाता है। भारतीय निशानेबाज, क्रिकेट में बल्लेबाजी का वह खिलाड़ी जो दबाव में भी सटीकता बरकरार रखता है और टीम को जीत की ओर ले जाता है — ये शब्द अब सिर्फ एक पद नहीं, एक अहसास है। ये वो लोग हैं जिन्होंने यशस्वी जैसवाल की 173* और टिलक वर्मा के अनबीटन 69 से एशिया कप का खिताब जीता। ये वो हैं जिन्होंने जेमीमा रोड्रिगेज की 370/5 की पारी से नया रिकॉर्ड बनाया।
भारतीय निशानेबाज की कहानी में सिर्फ पुरुष नहीं, महिलाएँ भी हैं। भारत महिला क्रिकेट टीम, जिसने इंग्लैंड टूर पर टी20I और ODI दोनों श्रृंखलाएँ जीती और अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका को 9 विकेट से हराया — ये टीम अब दुनिया की टॉप टीम है। गोंगाड़ी त्रिशा और नादिन दे क्लर्क के बीच का मुकाबला सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी का आगमन था। ये खिलाड़ी अब राष्ट्रीय निशानेबाज की परिभाषा ही बदल रहे हैं।
टी20 विश्व कप में भी भारतीय निशानेबाज की छाप गहरी है। जब वसीम ने दुबई में कहा ‘यह हमारा घर है’, तो उसका मतलब सिर्फ स्टेडियम नहीं था — ये भारत की भावना थी। और जब कुलदीप यादव ने 4 विकेट लिए और टिलक वर्मा ने फाइनल में शतक लगाया, तो भारतीय निशानेबाज का अर्थ बदल गया। अब ये निशानेबाज वो नहीं जो बस बल्ला घुमाता है, बल्कि वो है जो दबाव में भी आँखें बंद किए लक्ष्य पर नज़र रखता है।
इस लिस्ट में आपको ऐसे ही लम्हे मिलेंगे — जहाँ एक शॉट ने इतिहास बदल दिया, एक ओवर ने देश को जगा दिया, और एक खिलाड़ी ने अपनी टीम को जीत के चाँद तक पहुँचा दिया। ये सिर्फ मैच नहीं, ये भारतीय निशानेबाज की असली कहानियाँ हैं।
रामिता जिंदल ने इतिहास रचा, पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में पहुंचीं
रामिता जिंदल ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में पहुंचकर भारतीय निशानेबाजी में इतिहास रचा। 634.1 पॉइंट्स के साथ क्वालीफिकेशन राउंड में जगह बनाई। उनकी यह उपलब्धि खास है क्योंकि भारतीय निशानेबाजी दल पिछले प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाया था। 22 वर्षीय जिंदल हरियाणा से हैं और यह उनका पहला ओलंपिक है।