नेट वर्थ
जब बात नेट वर्थ की आती है, तो यह एक व्यक्ति या कंपनी की कुल संपत्तियों में से सभी देनदारियों को घटाकर बचा हुआ शुद्ध मूल्य दर्शाता है। इसे अक्सर शुद्ध संपत्ति कहा जाता है। इस परिप्रेक्ष्य में शेयर बाजार एक प्रमुख घटक बनता है क्योंकि शेयरों की कीमतें सीधे नेट वर्थ को बढ़ा या घटा सकती हैं। साथ ही बैंक के जमा और ऋण भी नेट वर्थ की गणना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अंत में, कर नियोजन बिना सही रणनीति के नेट वर्थ को खा सकता है।
आपकी नेट वर्थ को बढ़ाने के लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि संपत्ति, देनदारी, निवेश, कर जैसी चीजें एक‑दूसरे से कैसे जुड़ी हैं। यदि आपके पास घर, कार, फिक्स्ड डिपॉज़िट या शेयर जैसे एसेट्स हैं, तो उन्हें सही मूल्यांकन करके लिस्ट करें। फिर सभी लोन, क्रेडिट कार्ड बैलेंस, पर्सनल लोन आदि को घटाएँ। इस समीकरण को "संपत्ति‑माइनस‑देनदारी" कहा जाता है, यानी नेट वर्थ = संपत्ति – देनदारी। जब आप अपने शेयर पोर्टफोलियो की वैल्यू चैक करते हैं, तो देखिए क्या वे लगातार बढ़ रहे हैं या गिरते हैं। अगर शेयर बाजार में कोई बड़ी गिरावट आती है, तो आपका नेट वर्थ अस्थायी रूप से घट सकता है, लेकिन दीर्घकालिक निवेश रणनीति से इसे सही किया जा सकता है। इसी तरह, बैंक में बचत ब्याज या फिक्स्ड डिपॉज़िट पर मिलने वाला रिटर्न भी नेट वर्थ को धीरे‑धीरे बढ़ाता है।
नेट वर्थ बढ़ाने के व्यावहारिक तरीके
पहला कदम है खर्चों पर नियंत्रण। यदि आप हर महीने बिना सोचे‑समझे खर्च कर रहे हैं, तो एसेट्स बनाने के लिए बचत कम हो जाती है। इसलिए बजट बनाइए, अनावश्यक खर्चों को कटौती कीजिए और बचत को निवेश में बदलिए। दूसरा तरीका है दीर्घकालिक निवेश। हमारे पास कई लेख हैं जो बताते हैं कि रिलायंस, NTPC, ICICI बैंक जैसे बड़े स्टॉक्स में निवेश कैसे स्थिर रिटर्न दे सकता है। शेयरों के साथ साथ म्यूचुअल फंड या ईटीएफ में भी पैसा लगाना जोखिम को बांटता है और नेट वर्थ को स्थिर बनाता है। पर्याप्त बीमा कवरेज भी अनदेखा नहीं होना चाहिए; मेडिकल या अग्नि बीमा अचानक बड़े खर्चों को रोकता है, जिससे देनदारियों में अचानक वृद्धि नहीं होती। कर बचत के लिए वैकल्पिक निवेश विकल्प—जैसे पीपीएफ, ईएलएसएस, या रियल एस्टेट—का उपयोग करें। ये न केवल टैक्स रीढ़ बनते हैं बल्कि एसेट्स की सूची में अतिरिक्त मूल्य जोड़ते हैं। तीसरा तरीका है देनदारियों को कम करना। हाई‑इंटरेस्ट लोन या क्रेडिट कार्ड बैलेंस को पहले चुकाना आपके नेट वर्थ को तुरंत बढ़ाता है, क्योंकि आप कम ब्याज भुगतान करते हैं और एसेट्स पर अधिक नियंत्रण मिलता है। अंत में, नियमित रूप से नेट वर्थ की गणना करें। जब आप महीने‑दर‑महिने देखेंगे कि आपका शुद्ध मूल्य कैसे बदल रहा है, तो आप अपनी वित्तीय रणनीति में सुधार करने के लिए सटीक निर्णय ले पाएँगे। इस तरह शेयर बाजार, बैंक, कर, और एसेट मैनेजमेंट के जुड़ाव को समझ कर आप अपनी नेट वर्थ को स्थायी रूप से बढ़ा सकते हैं। नीचे दी गई पोस्ट्स में इन सभी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी और केस स्टडीज़ मिलेंगी, जिससे आप अपना वित्तीय भविष्य और भी स्पष्ट बना सकेंगे।
सौरव गांगुली: क्रिकेट के महारथी से टीवी के चमकते सितारे तक की सफर
सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट के मशहूर खिलाड़ी हैं जिनकी संपत्ति लगभग ₹634 करोड़ है। खेल से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने टीवी होस्टिंग और ब्रांड एंडोर्समेंट से भी अच्छी-खासी कमाई की है। वे बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और आईपीएल परिषद के सदस्य हैं, और लंदन में उनका 2BHK फ्लैट भी है। उनके निवेश और विभिन्न स्रोतों से आय ने उन्हें क्रिकेट के आलावा भी अमीर बना दिया है।