पहलवान रीटिका हूडा – भारतीय महिला कुश्ती की चमक
जब हम पहलवान रीटिका हूडा, भारत की प्रमुख महिला मुक्तकुश्ती खिलाड़ी, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का गौरव बढ़ा रही हैं. Also known as Retika Hooda, वह 1996 में हरियाणा में जन्मी और बाल्यकाल से ही पहलवानी के प्रति जुनून दिखाती आई हैं। उनकी कहानी सिर्फ व्यक्तिगत संघर्ष नहीं, बल्कि भारत की फ्रीस्टाइल कुश्ती, एक ऐसी शैली जिसमें पैरों, हाथों और पूरे शरीर का उपयोग करके तकनीकी पहलू दिखाए जाते हैं की प्रगति का भी परिचायक है। फ्रीस्टाइल कुश्ती ने महिलाओं को शक्ति, लचीलापन और रणनीति के संगम में खुद को साबित करने का मंच दिया, और रीटिका इसी मंच की आगे की आवाज़ बन गईं। उनके बड़े जीतों में 2022 एशिया गेम्स में स्वर्ण पदक, 2023 विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर, और 2024 कॉमनवेल्थ गेम्स में भर्ती पदक शामिल हैं, जो यह साबित करता है कि कॉमनवेल्थ गेम्स, एक अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल आयोजन जहाँ कई राष्ट्र अपने सर्वश्रेष्ठ एथलीट भेजते हैं में भारत की महिला कुश्ती टीम कितनी मजबूत है। रीटिका की मेहनत और निष्ठा ने कई युवा लड़कियों को प्रेरित किया है कि वे भी खेल के मैदान में अपना आवाज़ बनाएं। पहलवान रीटिका हूडा की उपलब्धियां यह दर्शाती हैं कि जब तक दृढ़ इरादा और सही समर्थन है, कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
ओलंपिक्स 2024: पहलवान रीटिका हूडा का संघर्ष और एइपेरी मेडेट किजी से हार के कारण
भारत की पहलवान रीटिका हूडा ने 2024 ओलंपिक्स में किर्गिस्तान की एइपेरी मेडेट किजी का सामना किया। 1-1 के स्कोरलाइन के बावजूद, हूडा तकनीकी कमजोरी के कारण हार गईं। यह मुकाबला कड़ी टक्कर का था, जहां दोनों पहलवानों ने अपने उत्कृष्ट कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।