CBSE ने 2024 से टॉपर लिस्ट बंद की: जानिए क्यों बदला बोर्ड ने अपना नियम

CBSE की नई पहल: टॉपर लिस्ट से बदलाव के पीछे की सोच
कई सालों से हर बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट के साथ CBSE टॉपर लिस्ट का इंतजार रहता था। टॉपर्स के नाम अखबारों की सुर्खियों में रहते थे, स्कूलों में जश्न मनते थे और सोशल मीडिया पर खूब तारीफें मिलती थीं। लेकिन 2024 में जैसे ही CBSE ने ऐलान किया कि अब टॉपर लिस्ट नहीं छपेगी, कई छात्रों और अभिभावकों के बीच सवाल उठने लगे। आखिर क्यों अचानक से बोर्ड ने ये बदलावा किया?
CBSE का कहना है कि बच्चों पर टॉपर्स की दौड़ में आगे आने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था। केवल रैंक के पीछे भागने के कारण बहुत से बच्चे अपने असली टैलेंट और प्रैक्टिकल स्किल्स को दरकिनार कर देते थे। इसी फोकस को बदलने के लिए बोर्ड ने टॉपर लिस्ट जारी करना बंद कर दिया। अब बोर्ड रिजल्ट में पास प्रतिशत, जिलेवार प्रदर्शन, लड़कियों और लड़कों के परिणाम और क्षेत्रों के तुलना जैसे व्यापक आंकड़ों को अहमियत दे रहा है।
छात्र, माता-पिता और शिक्षकों का मिला-जुला रुख
कुछ छात्रों को लगता है कि टॉपर लिस्ट के कारण आत्मविश्वास बढ़ता था और मेहनत करने की प्रेरणा मिलती थी। वहीं, कई अभिभावक भी मानते हैं कि टॉपर्स को पहचानना जरूरी है – यह बच्चों के लिए रोल मॉडल तैयार करता था। दूसरी ओर, विशेषज्ञों का मानना है कि हर साल रैंक की होड़ से छात्र मानसिक तनाव में चले जाते हैं। कई बार एक या दो नंबर के फर्क से बच्चे खुद को हारा-हारा महसूस करने लगते हैं।
शिक्षाविदों की राय में, बोर्ड का यह फैसला कई अंतरराष्ट्रीय स्कूल तंत्रों की तरह बच्चों के संपूर्ण विकास पर फोकस करता है, न कि सिर्फ कुछ नंबरों पर। प्रतियोगिता का माहौल स्कूलों तक ही सीमित होना चाहिए, सार्वजनिक स्तर पर नहीं। अब हर बच्चा खुद का प्रतिस्पर्धी बन सकता है – अपने पिछले प्रदर्शन से बेहतर करने की चाहत ही असली प्रेरणा है।
CBSE की वेबसाइट पर रिजल्ट वैसे ही जारी होंगे जैसे पहले, यानी हर छात्र को अपना मार्क्सशीट ऑनलाइन मिल जाएगी। टॉपर लिस्ट न होने से रुचि रखने वालों को अब जिले और क्षेत्र के लेवल पर आंकड़ों से ही संतोष करना होगा। बोर्ड का साफ कहना है कि यह कदम आज की भयंकर प्रतिस्पर्धा और बढ़ते मानसिक तनाव को देखते हुए लिया गया है। अब बाकी राज्य बोर्ड और दूसरे शिक्षा संस्थानों के लिए भी यह एक संकेत है कि नंबर्स की रेस से हटकर बच्चों के सटीक हुनर और सीखने के तरीके पर ध्यान दिया जाए।