गुरबाज़-ज़द्रान की शुरुआत ने अफगानिस्तान को जिम्बाब्वे के खिलाफ 3-0 की सफलता दिलाई
नव॰, 2 2025
हरारे में एक ऐसा मैच जिसने अफगानिस्तान की बढ़ती ताकत को दिखाया — न केवल एक जीत, बल्कि एक सीरीज की संपूर्ण छाप। टी20आई सीरीज का तीसरा मैचहरारे स्पोर्ट्स क्लब में अफगानिस्तान ने जिम्बाब्वे को 9 रनों से हराकर 3-0 से सीरीज जीत ली। ये जीत केवल एक मैच की बात नहीं, बल्कि एक रणनीति, एक भावना और एक नए युग की शुरुआत है। अफगानिस्तान ने अपने पिछले छह मुकाबलों में से पांच जिम्बाब्वे के खिलाफ जीते हैं। अब वे टी20आई में भी एक अजेय ताकत बन चुके हैं।
शुरुआत ने बदल दी गेम की दिशा
जब रहमानुल्लाह गुरबाज़ ने बल्लेबाजी शुरू की, तो उनकी आंखों में एक अलग जुनून था। 48 गेंदों में 92 रन, पांच छक्के, आठ चौके — ये कोई साधारण पारी नहीं थी। उनके साथ खड़े थे इब्राहिम ज़द्रान, जिन्होंने 60 रन बनाए। दोनों ने मिलकर पहली विकेट के लिए 159 रन का भारी साझेदारी बनाई — ये जिम्बाब्वे के लिए एक झटका था। जब गुरबाज़ को डीप कवर पर सिकंदर राजा के हाथों से कैच दे दिया गया, तो जिम्बाब्वे की टीम ने सोचा कि अब तो बच गया। लेकिन उनके बाद सेदीकुल्लाह अतल ने 35 रन की तेज़ पारी खेलकर अफगानिस्तान को 210-3 तक पहुंचा दिया।
जिम्बाब्वे की लड़ाई, लेकिन अंत नहीं
जिम्बाब्वे के लिए ये मैच बचाव की लड़ाई बन गया। ओपनर ब्रायन बेनेट ने 47 रन बनाए, और कप्तान सिकंदर राजा ने अपने 29 गेंदों में 51 रन बनाकर टीम को उम्मीद दिखाई। उनके बीच 85 रन की साझेदारी ने अफगानिस्तान के लिए चिंता का कारण बना दिया। लेकिन जब बेनेट और राजा दोनों आउट हुए, तो जिम्बाब्वे का बीच क्रम बर्बाद हो गया। अफगानिस्तान के बॉलर अब्दुल्लाह अहमदज़ई ने 4 ओवर में 3 विकेट लेकर टीम को बचाया, और ब्रैड एवांस ने 2 विकेट लिए। आखिरी गेंद पर जिम्बाब्वे 201 पर आउट हुआ — एक रन की कमी।
सीरीज का नक्शा: एक जीत के बाद एक जीत
ये तीसरा मैच नहीं, बल्कि तीन जीतों का नतीजा था। पहला मैच 29 अक्टूबर को हुआ — अफगानिस्तान ने 180-6 बनाए, जिम्बाब्वे केवल 127 पर आउट हुआ। मुजीब उर रहमान ने 3 ओवर में 4 विकेट लिए। दूसरा मैच 31 अक्टूबर को — जिम्बाब्वे ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की, लेकिन 125 रनों पर आउट हो गया। रशीद खान ने 3 ओवर में केवल 9 रन देकर 3 विकेट लिए। ज़द्रान ने अपनी अपराजित 57 रनों की पारी से अफगानिस्तान को सात विकेट से जीत दिलाई।
टीम की बढ़त, टीम की कमजोरी
अफगानिस्तान के लिए ये सीरीज एक निर्णायक मोड़ थी। इससे पहले उन्होंने टेस्ट मैच में भारी हार खाई थी — लेकिन टी20आई में वे अपनी ताकत का पूरा इस्तेमाल कर रहे थे। उनके ओपनर्स अब दुनिया के सबसे खतरनाक जोड़ी में शामिल हो चुके हैं। गुरबाज़ की बल्लेबाजी, ज़द्रान की स्थिरता, रशीद खान की गेंदबाजी — ये सब एक टीम की गहराई है।
जिम्बाब्वे के लिए ये एक बड़ी चेतावनी है। उनके टॉप ऑर्डर — बेनेट, डायन मायर्स, ब्रेंडन टेलर — सभी ने लगातार असफलता देखी। राजा ने बल्लेबाजी की तो अच्छी की, लेकिन उनके आसपास कोई नहीं था। टीम का बीच क्रम अब एक खाली जगह बन गया है। जिम्बाब्वे क्रिकेट ने ट्विटर पर लिखा: “जिम्बाब्वे लड़े, लेकिन हार गए।” लेकिन ये लड़ने की बात नहीं, बल्कि बचने की बात थी।
अगला कदम: अफगानिस्तान की बढ़त, जिम्बाब्वे का सवाल
अफगानिस्तान को 2026 के टी20 विश्व कप की तैयारी के लिए ये सीरीज बहुत महत्वपूर्ण रही। उनके खिलाड़ियों ने दिखाया कि वे अब सिर्फ एक भावनात्मक टीम नहीं, बल्कि एक तकनीकी और रणनीतिक टीम हैं। वे अब ऑस्ट्रेलिया, भारत या इंग्लैंड के खिलाफ भी डर नहीं खाते।
जिम्बाब्वे के लिए अगला टूर्नामेंट एक बड़ा सवाल है। क्या वे अपने टॉप ऑर्डर को फिर से बना पाएंगे? क्या उनके युवा खिलाड़ियों को अभी भी अवसर मिलेंगे? या फिर ये सीरीज हार उनकी टीम के लिए एक अंतिम चेतावनी साबित होगी?
मैच का बुनियादी आंकड़ा
- पहला T20I (29 अक्टूबर, 2025): अफगानिस्तान 180-6, जिम्बाब्वे 127 (53 रन की जीत)
- दूसरा T20I (31 अक्टूबर, 2025): जिम्बाब्वे 125, अफगानिस्तान 129-3 (7 विकेट से जीत)
- तीसरा T20I (2 नवंबर, 2025): अफगानिस्तान 210-3, जिम्बाब्वे 201 (9 रन की जीत)
- सीरीज जीत: अफगानिस्तान 3-0
- सीरीज का टॉप स्कोरर: रहमानुल्लाह गुरबाज़ (92), इब्राहिम ज़द्रान (169 रन कुल)
- सीरीज का टॉप विकेटलेने वाला: रशीद खान (6 विकेट), मुजीब उर रहमान (4 विकेट)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अफगानिस्तान की यह सीरीज जीत क्यों महत्वपूर्ण है?
यह जीत अफगानिस्तान के लिए केवल जिम्बाब्वे पर निर्भर नहीं है। ये उनकी टी20आई टीम की गहराई और स्थिरता का संकेत है। टेस्ट मैच में हार के बाद भी टी20आई में 3-0 से सीरीज जीतना उनके युवा खिलाड़ियों की आत्मविश्वास को बढ़ाता है। यह उन्हें 2026 टी20 विश्व कप के लिए एक मजबूत आधार देता है।
गुरबाज़ और ज़द्रान की जोड़ी क्यों इतनी खतरनाक है?
गुरबाज़ तेज़ शुरुआत के लिए जाने जाते हैं — वे आउटफील्ड में छक्के मारने में माहिर हैं। ज़द्रान तो बल्लेबाजी का अंगूठा है — स्थिर, बिना भावनाओं के, बहुत तर्कसंगत। दोनों की पारी के साथ टीम का बीच क्रम आराम से बल्लेबाजी कर सकता है। इस जोड़ी ने पिछले छह मुकाबलों में चार बार 100+ रन का ओपनिंग साझेदारी बनाया है।
जिम्बाब्वे के टॉप ऑर्डर की समस्या क्या है?
जिम्बाब्वे के ओपनर्स और नंबर 3 बल्लेबाज़ लगातार अपनी शुरुआत नहीं बना पा रहे। बेनेट ने अंतिम तीन मैचों में केवल 122 रन बनाए, जबकि उनके साथ खेलने वाले खिलाड़ियों ने 20 रन से अधिक नहीं बनाए। इसका मतलब है कि टीम अक्सर 50-60 रन पर आउट हो जाती है। ये एक संरचनात्मक समस्या है — न कि केवल बल्लेबाजी की।
रशीद खान की भूमिका क्या थी?
रशीद खान ने सीरीज में केवल दो मैचों में गेंदबाजी की, लेकिन उनका प्रभाव अद्वितीय था। उन्होंने 3 ओवर में 9 रन और 3 विकेट लिए — ये एक ऐसा आंकड़ा है जो बल्लेबाज़ को डराता है। उनकी उपस्थिति ने जिम्बाब्वे के बीच क्रम को तनाव में डाल दिया, जिससे वे अपनी रणनीति बदलने को मजबूर हुए।
हरारे स्पोर्ट्स क्लब क्यों इतना महत्वपूर्ण है?
यह मैदान 1891 से जिम्बाब्वे का प्रमुख क्रिकेट मैदान रहा है। यहाँ तक कि भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमों ने यहाँ भारी हार खाई है। लेकिन अफगानिस्तान ने यहाँ अपनी टीम की भावना को दिखाया — एक छोटी टीम ने एक बड़े देश को हरा दिया।
अफगानिस्तान के लिए अगला बड़ा टूर्नामेंट क्या है?
अगला बड़ा टूर्नामेंट 2026 का T20 विश्व कप है, जो भारत और श्रीलंका में आयोजित होगा। अफगानिस्तान को अब यह दिखाना होगा कि वे केवल जिम्बाब्वे या नेपाल जैसी टीमों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि टॉप टीमों के खिलाफ भी लड़ सकते हैं। इस सीरीज की जीत उनके लिए एक बड़ा आत्मविश्वास का संकेत है।
Karan Kundra
नवंबर 3, 2025 AT 20:30गुरबाज़ ने तो बस धमाका कर दिया! इतने छक्के और इतनी तेज़ शुरुआत देखकर लगा जैसे अफगानिस्तान की टीम अब किसी को डरा रही है। जिम्बाब्वे के बॉलर्स को तो बस घुटने टेकने थे।
Vinay Vadgama
नवंबर 3, 2025 AT 22:27इस सीरीज़ की जीत अफगानिस्तान के क्रिकेट विकास का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। युवा खिलाड़ियों की निरंतरता, रणनीतिक बुद्धिमत्ता और मानसिक दृढ़ता ने एक नए युग की शुरुआत की है।
Pushkar Goswamy
नवंबर 5, 2025 AT 15:33जिम्बाब्वे के खिलाफ 3-0? ये तो बस शुरुआत है। अफगानिस्तान अब टॉप टीमों के साथ बराबरी कर सकता है। रशीद खान की गेंदबाजी? वो तो एक जादूगर है। और गुरबाज़? वो तो बस एक बम है जो अब तक किसी ने नहीं रोका।