IND-W vs AUS-W 3rd ODI: 413 का लक्ष्य, मंधाना का 50-बॉल शतक; बेथ मूनी चमकी, भारत 43 रन से हारा

IND-W vs AUS-W 3rd ODI: 413 का लक्ष्य, मंधाना का 50-बॉल शतक; बेथ मूनी चमकी, भारत 43 रन से हारा सित॰, 20 2025

47.5 ओवर में 412, फिर भी 43 रन से जीत—महिला वनडे में ऐसा स्कोरकार्ड रोज़ नहीं दिखता

IND-W vs AUS-W के तीसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने 47.5 ओवर में 412 रन बनाकर भारत के सामने पहाड़ जैसा लक्ष्य रख दिया। जवाब में भारत 369 पर ऑलआउट हुआ। कहानी में हर मोड़ था—टॉप-ऑर्डर की आतिशी शुरुआत, बीच ओवरों का दबाव, डेथ में तेज़ रफ्तार, और रिकॉर्ड तोड़ देसी जवाब। स्मृति मंधाना ने 50 गेंदों में शतक जड़ा—महिलाओं के वनडे इतिहास में दूसरा सबसे तेज़—पर वो चमत्कार भी नतीजा नहीं पलट पाया।

मैच का हाल: ऑस्ट्रेलिया की साझेदारियां और भारत की धमाकेदार परंतु अधूरी दौड़

मैच का हाल: ऑस्ट्रेलिया की साझेदारियां और भारत की धमाकेदार परंतु अधूरी दौड़

ऑस्ट्रेलिया की पारी की बुनियाद साझेदारियों ने रखी। एलिसा हीली और फोएबे वॉल (G Voll) ने 43 रन जोड़े, जिससे पावरप्ले में रफ्तार सेट हो गई। इसके बाद एलिस पेरी के साथ वॉल की 107 रन की दूसरी विकेट साझेदारी ने भारत पर दबाव बढ़ाया। बीच के ओवरों में बेथ मूनी ने स्ट्राइक रोटेट की, खाली जगहें तलाशीं और रन-रेट 8 के पार बनाए रखा। हर साझेदारी ने गति नहीं टूटने दी, इसीलिए 50वें ओवर से पहले ही स्कोर 400 के पार पहुंच गया।

भारतीय गेंदबाज़ों के पास मौके थे, पर ऑस्ट्रेलियाई बैटरों का शॉट-सेलेक्शन बेहतर रहा। लॉन्ग-ऑन/लॉन्ग-ऑफ की ओर कई क्लीन हिट निकले, बैक-ऑफ-द-लेंथ गेंदों पर कट-पुल भी खूब दिखे। नतीजा—47.5 ओवर में 412/10। इतने बड़े स्कोर के बावजूद ऑस्ट्रेलिया पूरे 50 ओवर नहीं खेल सका, जो बताता है कि भारत को बीच-बीच में विकेट मिलते रहे, पर रन-फ्लो रोकना मुश्किल पड़ा।

413 के टारगेट का पीछा करते हुए भारत ने शुरुआत से ही गति पकड़ ली। स्मृति मंधाना ने पहली गेंद से इरादा साफ कर दिया—फ्रंट-फुट कवर-ड्राइव, ऑन-ड्राइव और पिक-अप पुल से बॉउंड्री की बरसात। उन्होंने 23 गेंदों में पचासा और 50 गेंदों में ताबड़तोड़ शतक पूरा किया, जिसमें 14 चौके और 4 छक्के शामिल रहे। हरलीन दियोल के साथ सिर्फ 22 गेंदों में 50 की साझेदारी हुई, जिसमें अकेले मंधाना ने 34 रन ठोके।

कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ तालमेल ने मैच को और दिलचस्प कर दिया—28 गेंदों में 50, फिर 57 गेंदों में 100 की साझेदारी। स्कोरबोर्ड इसकी गवाही देता है: भारत 4.5 ओवर में 50, 10.2 ओवर में 100 और 14.3 ओवर में 150 पार। 14 ओवर पर ड्रिंक्स के समय भारत 145/2 था—मंधाना 84, कौर 29। इस स्पेल में भारत रन-रेट के हिसाब से लक्ष्य के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा था।

टर्निंग पॉइंट तब आया जब ऑस्ट्रेलिया ने बीच ओवरों में गति पर ब्रेक लगाया। डार्सी ब्राउन की हिट-द-डेक लेंथ और एश गार्डनर की सटीक ऑफ-स्पिन ने रफ्तार छीन ली। विकेटों का सिलसिला शुरू हुआ और रन-रेट पर असर पड़ा। 19.3 ओवर में 201/2 से 26.5 ओवर में 250/5—यही वह फेज़ था जहां मैच ऑस्ट्रेलिया के पाले में झुका।

इसके बाद दीप्ति शर्मा ने जिम्मेदारी उठाई। उन्होंने 42 गेंदों में फिफ्टी पूरी की (4 चौके, 1 छक्का) और निचले क्रम को साथ लेकर चलती रहीं। आठवें विकेट के लिए स्नेह राणा के साथ 39 गेंदों में 50 रन जोड़कर उम्मीद जिंदा रखी—दीप्ति 28 और राणा 20 पर। लेकिन लक्ष्य बड़ा था, और रन-बॉल गैप बढ़ता गया। अंत में भारत 369 पर सिमट गया, 43 रन कम।

ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ी में डार्सी ब्राउन सबसे प्रभावशाली रहीं—3 विकेट। एश गार्डनर ने 2 शिकार किए, जबकि मेगन शुट्ट, एनेबेल सधरलैंड और ताहलिया मैक्ग्रा ने 1-1 विकेट लिया। ब्राउन की पेस-एंड-बाउंस ने नई और पुरानी गेंद से असर दिखाया, गार्डनर ने ऑफ-स्पिन में फ्लाइट और लेंथ से नियंत्रण बनाए रखा।

रनों और रिकॉर्ड्स के लिहाज़ से यह मुकाबला खास रहा। मंधाना का 50 गेंदों वाला शतक महिलाओं के वनडे में दूसरे नंबर पर सबसे तेज़ है—और वह भी 413 जैसे टारगेट के दबाव में। ऑस्ट्रेलिया का 412 महिला वनडे क्रिकेट के सबसे बड़े स्कोरों में शामिल है, और यह साफ संकेत है कि सफेद गेंद के इस फॉर्मेट में स्ट्राइक-रेट और पावर-हिटिंग का नया पैमाना तय हो रहा है।

  • ऑस्ट्रेलिया: 412/10 (47.5 ओवर)—लगातार साझेदारियां; हीली-वॉल 43, पेरी-वॉल 107 रन की दूसरी विकेट साझेदारी ने नींव रखी।
  • भारत की तेज़ रफ्तार: 50 (4.5 ओवर), 100 (10.2), 150 (14.3)—ड्रिंक्स पर 145/2 (14 ओवर)।
  • स्मृति मंधाना: 50 गेंदों में शतक; पारी में 14 चौके, 4 छक्के—दूसरा सबसे तेज़ महिला वनडे शतक।
  • मिडल ओवर्स का बदलाव: 201/2 (19.3) से 250/5 (26.5)—यहीं मैच खिसका।
  • दीप्ति शर्मा: 42 गेंदों में फिफ्टी; राणा के साथ आठवें विकेट के लिए 50 रन (39 गेंद) की साझेदारी।
  • ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ी: डार्सी ब्राउन 3, एश गार्डनर 2; मेगन शुट्ट, एनेबेल सधरलैंड, ताहलिया मैक्ग्रा 1-1 विकेट।

रणनीतिक नजरिए से देखें तो ऑस्ट्रेलिया ने पारी की गति को साझेदारियों से चलाया—हर पार्टनरशिप के बाद एक तेज़-तर्रार ओवर, फिर स्ट्राइक-रोटेशन। भारत ने जवाब में यही टेम्पो अपनाया, पर बीच ओवरों में ब्राउन-गार्डनर की जोड़ी ने ऑफ-स्टंप के बाहर चैनल और बैक-ऑफ-लेंथ से इकॉनमी काबू में रखी। डेथ ओवरों में भारत के लिए बाउंड्री निकालना महंगा पड़ रहा था—रिस्क बढ़ा और विकेट गिरे।

यह मैच महिला वनडे की बदलती तस्वीर भी दिखाता है। 8+ रन प्रति ओवर की बल्लेबाज़ी अब सिर्फ टी20 की पहचान नहीं रही। टॉप ऑर्डर के साथ-साथ मिडिल-लोअर ऑर्डर की स्ट्राइक-रेट भी परिणाम तय कर रही है। भारत के लिए सकारात्मक बात—मंधाना का असाधारण टच और दीप्ति की फिनिशिंग समझ। ऑस्ट्रेलिया के लिए सबक—डेथ में विकेट लेकर रन-रेट पर लगाम लगाने की कला अब भी उनकी सबसे बड़ी ताकत है, और बेथ मूनी जैसी भरोसेमंद बैटर बीच ओवरों में टीम को सांस देती रहती हैं।