अवैध प्रवासी: भारत में प्रवासी समस्या, कानून और असर
अवैध प्रवासी, वे व्यक्ति जो भारत में कानूनी दस्तावेज़ों के बिना रह रहे हों, जैसे वीज़ा, पासपोर्ट या रजिस्ट्रेशन. इन्हें अवैध प्रवासी कहा जाता है, जो कानूनी रूप से भारत में रहने का अधिकार नहीं रखते। ये लोग अक्सर पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश, नेपाल या म्यांमार से आते हैं — आर्थिक अवसर, आपदाओं या गैर-स्थायी स्थितियों के कारण।
भारत में इनकी संख्या का कोई आधिकारिक अंक नहीं है, लेकिन अनुमानों के मुताबिक लाखों लोग इस श्रेणी में आते हैं। बांग्लादेश से आए लोग सबसे ज्यादा संख्या में हैं, खासकर पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा में। ये लोग अक्सर खेती, निर्माण या घरेलू काम में लगे होते हैं। वहीं, नेपाल के नागरिक भारत में आने के लिए वीज़ा की जरूरत नहीं होती, लेकिन लंबे समय तक रहने पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी हो जाता है। अगर नहीं किया तो वे भी अवैध प्रवासी बन जाते हैं।
भारत का आप्रवासन नीति और विदेशी नागरिक कानून (Foreigners Act, 1946) के तहत, ये लोग गिरफ्तार, निष्कासित या अदालत में पेश किए जा सकते हैं। आईएमए, आप्रवासन अधिकारी (Immigration Authorities) जो इन लोगों की पहचान करते हैं और कानूनी कार्रवाई करते हैं, इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं। असम में एनआरसी (NRC) बनाने की कोशिश भी इसी नीति का हिस्सा थी — जिसमें लाखों लोगों को अपनी पहचान साबित करनी पड़ी।
ये मुद्दे सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक भी हैं। कुछ लोग कहते हैं कि अवैध प्रवासी नौकरियाँ छीन रहे हैं, जबकि दूसरे कहते हैं कि ये लोग सबसे कठिन काम करते हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी हैं। बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ और नागरिक अधिकारों का मुद्दा भी इसके साथ जुड़ा है।
इस टैग के तहत आपको ऐसे ही असली मामले, कानूनी बदलाव, सरकारी एक्शन और लोगों की कहानियाँ मिलेंगी — जो बिना रंग-धंग के बताती हैं कि अवैध प्रवासी क्या हैं, और ये मुद्दा हमारे लिए क्यों जरूरी है।
सेलेना गोमेज़ के भावुक वीडियो पर बढ़ते निराशा और आलोचना का सामना
सेलेना गोमेज़ ने अवैध प्रवासियों की निर्वासन कार्रवाई पर रोते हुए एक वीडियो साझा किया, जिसे बाद में डिलीट कर दिया। यह वीडियो डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा प्रवासियों की गिरफ्तारी के बढ़ते प्रयासों पर प्रतिक्रिया थी। गोमेज़ की पारिवारिक पृष्ठभूमि का भी एक ऐतिहासिक संबंध है, जब उनके दादा-दादी 1970 के दशक में अमेरिका आए थे। इस वीडियो के बाद उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा।