ITR फ़ाइलिंग – हर करदाता के लिए अनिवार्य गाइड

जब हम ITR फ़ाइलिंग, इन्कम टैक्स रिटर्न को आधिकारिक रूप से जमा करने की प्रक्रिया. Also known as आयकर रिटर्न दाखिला, it ensures आपके टैक्स का सही हिसाब‑किताब सरकार तक पहुँचता है। यह टैक्स साल भर की आय को सारांशित करके, देय टैक्स या रिफंड को निर्धारित करता है। अगर आप पहली बार कर रहे हैं या डेडलाइन चिंता का कारण है, तो यहाँ से शुरुआत करें।

ITR फ़ाइलिंग में आयकर रिटर्न, विभिन्न ITR फॉर्म (जैसे ITR‑1, ITR‑2) का संयोजन शामिल है। प्रत्येक फॉर्म की डिजाइन अलग‑अलग आय स्रोतों के लिए है – salary, व्यापार, या फ्रीलांसिंग। सही फॉर्म चुनना पहला कदम है, क्योंकि गलत फॉर्म से प्रोसेसिंग में देरी या जुर्माना लग सकता है। फॉर्म में आपके आय, कटौतियों, निवेश और टैक्स ड्यूटी की पूरी जानकारी भरनी होती है।

डेडलाइन भी एक अहम डेडलाइन, वर्ष‑वर्ष की अंतिम तिथि जब तक ITR दाखिल करना अनिवार्य है है। आमतौर पर 31 जुलाई को समाप्त होती है, लेकिन वित्त मंत्रालय कभी‑कभी एक्सटेंशन देता है। एक्सटेंशन मिलने पर भी देर से दाखिल करने पर जुर्माना लग सकता है – 5 % से शुरू होकर हर माह 1 % बढ़ता है। इसलिए समय पर फाइलिंग से बचाव‑हिंसक जुर्मानों से बचा जा सकता है।

इंडियन टैक्सपेयर्स के लिए सबसे उपयोगी टूल है आयकर पोर्टल, आंतरिक राजस्व सेवा का ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जहाँ ITR जमा किया जाता है। पोर्टल पर आपका PAN, आय विवरण और वितरण दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं। यह पोर्टल दो‑स्तरीय सुरक्षा (OTP और डिजिटल सिग्नेचर) से सुरक्षित है, इसलिए आपका डेटा सुरक्षित रहता है। साथ ही, पोर्टल पर आप रिटर्न की स्थिति, रिफंड अनुमान और नॉटीफिकेशन भी रिअल‑टाइम देख सकते हैं।

सही समय पर करदाता, वह व्यक्ति या संस्था जो आयकर अधिनियम के तहत टैक्स देता है के लिए ITR फ़ाइलिंग सिर्फ क़ानूनी दायित्व नहीं, बल्कि वित्तीय स्वास्थ्य बनाये रखने की कुंजी है। फाइलिंग से आप अपने टैक्स बचत के अवसर (जैसे धारा 80C, 80D) को पूरा करके उचित रिफंड पा सकते हैं। साथ ही, सही फाइलिंग से बैंकों और वित्तीय संस्थानों में आपके क्रेडिट स्कोर पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।

इन सभी तत्वों को जोड़ते हुए हम कह सकते हैं: ITR फ़ाइलिंग आयकर रिटर्न को कवर करता है, ITR फ़ाइलिंग के लिए आयकर पोर्टल आवश्यक है, डेडलाइन देर से दाखिल करने पर जुर्माना लगाता है, और करदाता सही समय पर फाइलिंग करके बचत कर सकते हैं. इसलिए जब आप इस पेज पर नीचे दी गई लेखों को पढ़ेंगे, तो आपको समझ आएगा कि कैसे प्रत्येक चरण आपके वित्तीय लक्ष्य को आसान बनाता है।

नीचे आप देखेंगे विभिन्न लेख – डेडलाइन विस्तार, पोर्टल उपयोग, टैक्स बचत के टिप्स और अधिक – जो आपको चरण‑दर‑चरण ITR फ़ाइलिंग में मदद करेंगे। तैयार हो जाइए, क्योंकि सही जानकारी से आप टैक्स सिचुएशन को पूरी तरह कंट्रोल में रख सकते हैं।

ITR फाइलिंग डेडलाइन विवाद: आयकर विभाग ने 15 सितंबर को अंतिम तिथि की पुष्टि
ITR फाइलिंग डेडलाइन विवाद: आयकर विभाग ने 15 सितंबर को अंतिम तिथि की पुष्टि

आयकर विभाग ने आयकर वर्ष 2025-26 की ITR फाइलिंग डेडलाइन 15 सितंबर 2025 पर कायम रखी, जबकि सोशल मीडिया पर 30 सितंबर तक बढ़ाने की अफवाहें फैली थीं। विभाग ने यह कहा कि यह खबर नकली है और 24‑घंटे हेल्पडेस्क उपलब्ध है। अलग‑अलग करदाताओं के लिए अलग‑अलग अंतिम तिथियां तय की गई हैं। देर से दाखिल करने पर जुर्माना, ब्याज और पुराने टैक्‍स रेगिम में बदलाव का जोखिम है।