मुसलमान
जब बात मुसलमान, वह समुदाय जिसके धार्मिक मान्यताएँ इस्लाम पर आधारित हैं की आती है, तो सबसे पहले इस्लाम, एक monotheistic religion जो प्रतिदिन 1.8 अरब लोगों का जीवन निर्धारित करता है याद आता है। इस टैग में आपको केवल खेल‑समाचार नहीं, बल्कि धर्म‑संबंधी नीति, सामाजिक पहल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी विस्तृत कवरेज मिलेगी। उदाहरण के तौर पर, जब भारत में ईद‑उल‑फ़ित्र का मौसम आता है, तो हम देखेंगे कि कैसे विविध शहरों में चार प्रमुख मस्जिदों में एकत्रित लोगों की रूटीन बदलती है, और यह बदलाव स्थानीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर डालता है। इसी तरह शरिया‑कानून की विभिन्न व्याख्याएँ, विशेषकर कानून‑निर्माण में उनका प्रभाव, इस टैग के अंदर बार‑बार उल्लेखित होते हैं। आप इन सबको एक ही जगह, दैनिक चाय मग पर, बिना किसी उलझन के पढ़ सकते हैं।
मुख्य पहलू
भारत में मुस्लिम समुदाय, एक विविध जनसंख्या जो भाषा, संस्कृति और आर्थिक सेक्टर में फैली हुई है के कई चेहरे हैं। पश्चिम बंगाल में बंगाली‑मुसलमान से लेकर केरल में मलाबारी मुहम्मद तक, हर क्षेत्र की अपनी कहानी है। हमारी कवरेज में इस विविधता को दिखाते हुए, हम अक्सर शिक्षा‑संधि, उद्यमिता और स्वास्थ्य‑सेवाओं के आंकड़े पेश करते हैं, जिससे आप समझ पाएँगे कि इस समूह की सामाजिक प्रगति किस दिशा में जा रही है। साथ ही, जब राष्ट्रीय स्तर पर कोई राजनैतिक नीति या विदेशी संबंध का बदलाव आता है, तो इसका मुस्लिम वोट‑बैंक या विदेश‑निवासी मुस्लिमों पर क्या असर पड़ता है, यह भी हम विस्तार से विश्लेषण करते हैं। यही कारण है कि ‘मुसलमान’ टैग पर पढ़ने वाले अक्सर इस बात की अपेक्षा रखते हैं कि वे सिर्फ खबर नहीं, बल्कि उसका गहरा संदर्भ भी प्राप्त करें।
अंत में, इस टैग के तहत आपको ईद, इस्लामिक त्यौहार जो धार्मिक और सामाजिक दोनों पहलुओं को जोड़ता है से जुड़ी हर छोटी‑बड़ी खबर मिलेगी—चाहे वह नए फेहरिस्त में इमरती प्रोजेक्ट हो या स्थानीय बाजार में विशेष बिक्री। शरिया‑कानून के कानूनी मसले, मुस्लिम राजनैतिक समीकरण, और समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर—इन सभी को एक साथ पढ़ना आपके ज्ञान को पूरा करेगा। नीचे दी गई सूची में आप देखेंगे कि हमने किस तरह विविध विषयों को कवर किया है, ताकि आप अपनी रुचियों के अनुसार तुरंत प्रासंगिक लेख पा सकें।
भारत ने आयातुल्लाह खामेनेई की भारतीय मुस्लिमों पर टिप्पणी की निंदा की
भारत के विदेश मंत्रालय ने आयातुल्लाह अली खामेनेई की भारतीय मुस्लिमों पर की गई टिप्पणी को गलत और अस्वीकार्य बताया। खामेनेई ने पैगंबर मोहम्मद की जयंती पर भारतीय मुस्लिमों के कष्टों का उल्लेख किया था। मंत्रालय ने तुरंत जवाब देते हुए इसे 'गैरजिम्मेदाराना' कहा और दूसरे देशों को अपनी मानवाधिकार रिकॉर्ड देखने की सलाह दी।