शक्तिकांत दास: आरबीआई गवर्नर की भूमिका, नीतियाँ और भारतीय अर्थव्यवस्था पर उनका प्रभाव
शक्तिकांत दास, भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर, जिन्होंने 2019 से देश की मौद्रिक नीति का नेतृत्व किया है. इनका नाम आजकल हर बजट, हर ब्याज दर घोषणा और हर मुद्रास्फीति रिपोर्ट में आता है। वो सिर्फ एक अधिकारी नहीं, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के पीछे का एक खामोश ड्राइवर हैं।
आरबीआई, भारत का केंद्रीय बैंक, जो ब्याज दर, मुद्रा आपूर्ति और बैंकिंग नियमों को नियंत्रित करता है का नेतृत्व करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। शक्तिकांत दास ने इस जिम्मेदारी को शांति से संभाला है। जब मुद्रास्फीति बढ़ रही थी, तो उन्होंने ब्याज दर बढ़ाई। जब अर्थव्यवस्था धीमी पड़ रही थी, तो उन्होंने राहत दी। उनकी नीतियाँ आम आदमी के लिए मतलब रखती हैं—क्योंकि ब्याज दर बदलने से एमआईआई, लोन, और बचत के दर भी बदल जाते हैं।
ब्याज दर, जो उधार लेने या बचत करने की लागत तय करती है और मुद्रास्फीति, जो चीजों की कीमतों को बढ़ाती है के बीच उनका संतुलन बरकरार रखना उनकी सबसे बड़ी चुनौती रही है। 2022 में जब ग्लोबल इन्फ्लेशन चरम पर था, तो उन्होंने 20 बेसिस पॉइंट तक ब्याज दर बढ़ाई। उसके बाद भी उन्होंने निर्णय लेने में धैर्य रखा—न तो जल्दी ब्याज घटाया, न ही जल्दी बढ़ाया। यही वजह है कि आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे स्थिर में से एक मानी जाती है।
उनके नेतृत्व में आरबीआई ने डिजिटल रुपया, बैंकिंग सुधार, और ग्रामीण वित्त जैसे नए क्षेत्रों में भी कदम बढ़ाए। उनकी नीतियों ने छोटे व्यापारियों, किसानों और आम लोगों को भी सीधे प्रभावित किया है। आज जब आप किसी लोन के लिए बैंक जाते हैं, तो उसकी शर्तें शक्तिकांत दास के फैसलों से जुड़ी हैं।
यहाँ आपको उनके नेतृत्व के दौरान हुए बड़े बदलावों, आरबीआई की नीतियों के असर, और उनके फैसलों के पीछे की तर्कशक्ति के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी। जिन खबरों में आरबीआई, ब्याज दर, या मुद्रास्फीति का जिक्र है—वो सभी शक्तिकांत दास के निर्णयों से जुड़ी हैं। यहाँ आपको उनके सारे बड़े फैसलों की एक समग्र जानकारी मिलेगी।
शक्तिकांत दास बने पीएम मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2, आर्थिक चुनौतियों का समाधान
पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। यह पद पहली बार बनाया गया है और दास पीके मिश्रा के साथ इस भूमिका में कार्य करेंगे। दास ने अपने पिछले कार्यकाल में आर्थिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।