विदेश मंत्रालय: भारत की विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंध और ताज़ा खबरें
विदेश मंत्रालय एक विदेश मंत्रालय, भारत सरकार का वह हिस्सा जो देश के विदेशी संबंधों, राजनयिक संपर्कों और अंतरराष्ट्रीय नीतियों को नियंत्रित करता है. यह केवल दूतावासों की नियुक्ति या विदेशी नेताओं के साथ बैठकों तक सीमित नहीं है—यह भारत के व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक प्रभाव का दर्पण है। जब पुतिन भारत के साथ कृषि और फार्मा आयात बढ़ाने का फैसला करते हैं, या डोनाल्ड ट्रम्प H-1B वीज़ा पर $100,000 फीस लगाते हैं, तो ये सब विदेश मंत्रालय के डेस्क पर आते हैं। ये निर्णय भारतीय टेक कर्मचारियों की नौकरियों, भारतीय किसानों की आय और देश की आर्थिक स्वतंत्रता को सीधे प्रभावित करते हैं।
विदेश मंत्रालय की चर्चा कभी सिर्फ नई दिल्ली तक सीमित नहीं रहती। जब भारत और पाकिस्तान एशिया कप 2025 के फाइनल में टकराते हैं, तो यह महज़ क्रिकेट नहीं, बल्कि राजनयिक तनाव और सांस्कृतिक संबंधों का एक अंश है। जब दुबई में भारतीय टीम जीतती है, तो विदेश मंत्रालय के लोग भी उस जीत के पीछे खड़े होते हैं—क्योंकि यह भारत की नरम शक्ति का हिस्सा है। उसी तरह, लद्दाख में शांतिपूर्ण आंदोलन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के इस्तीफे का बयान, दोनों विदेश मंत्रालय के लिए अलग-अलग चुनौतियाँ हैं। एक तरफ भारत के सीमा क्षेत्रों में नागरिकों की आवाज़ सुनना, दूसरी तरफ वैश्विक युद्धों में भारत की भूमिका निर्धारित करना।
इस तरह, विदेश मंत्रालय का काम सिर्फ बाहर जाने का नहीं, बल्कि भारत के अंदर के हर घर तक पहुँचने का है। जब आपका दोस्त अमेरिका जाता है और उसे वीज़ा रिफ्यूज़ हो जाता है, तो वह विदेश मंत्रालय की नीति का परिणाम है। जब आपकी माँ रूस से आयातित दवाएँ खरीदती हैं, तो वह भी विदेश मंत्रालय के समझौतों का हिस्सा है। यहाँ आपको उन्हीं खबरों का संग्रह मिलेगा—जो आपकी जिंदगी के बाहर के विश्व को दिखाती हैं, लेकिन जिनका असर आपके घर पर पड़ता है।
इस पेज पर आपको ऐसी ही ताज़ा, असली और गहरी खबरें मिलेंगी—जिनमें विदेश मंत्रालय की नीतियाँ, उनके प्रभाव और उनके बारे में चल रही बहस शामिल हैं। यहाँ आपको न तो बोरिंग बयान मिलेंगे, न ही सिर्फ शीर्षक। बल्कि वो खबरें जो आपको समझने दें कि दुनिया कैसे बदल रही है, और भारत उसमें कैसे खेल रहा है।
भारत ने आयातुल्लाह खामेनेई की भारतीय मुस्लिमों पर टिप्पणी की निंदा की
भारत के विदेश मंत्रालय ने आयातुल्लाह अली खामेनेई की भारतीय मुस्लिमों पर की गई टिप्पणी को गलत और अस्वीकार्य बताया। खामेनेई ने पैगंबर मोहम्मद की जयंती पर भारतीय मुस्लिमों के कष्टों का उल्लेख किया था। मंत्रालय ने तुरंत जवाब देते हुए इसे 'गैरजिम्मेदाराना' कहा और दूसरे देशों को अपनी मानवाधिकार रिकॉर्ड देखने की सलाह दी।