विरोध प्रदर्शन: भारत और दुनिया भर में आवाज़ उठाने की ताकत

विरोध प्रदर्शन एक ऐसा साधन है जिससे आम आदमी अपनी बात सरकार और समाज तक पहुँचाता है। विरोध प्रदर्शन, एक शांतिपूर्ण या संगठित तरीके से असंतोष जताने की क्रिया, जिसमें लोग एक साथ आकर अपने अधिकारों की मांग करते हैं। ये केवल गलियों में नारे लगाने का मामला नहीं, बल्कि देश के नियमों को बदलने की ताकत है। इसका असर तब दिखता है जब एक गाँव का आदमी राष्ट्रपति भवन तक पहुँच जाए, या जब एक युवा अपने शहर की सड़क पर बैठ जाए और लाखों उसके साथ खड़े हो जाएँ।

भारत में विरोध प्रदर्शन की एक अलग ही पहचान है। लद्दाख, उत्तरी भारत का एक क्षेत्र जहाँ जनजातीय समुदाय अपनी सांस्कृतिक और संवैधानिक सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं में हुई हंगर स्ट्राइक एक उदाहरण है। यहाँ के लोगों ने भूख रखकर भी अपनी बात रखी — उन्होंने नहीं माना कि उनका इलाका केवल एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। राज्यत्व, एक राज्य के रूप में अपनी स्वायत्तता और शासन की मांग के लिए लोगों ने जान देने की तैयारी भी की। ये आंदोलन अकेले नहीं हैं। शांतिपूर्ण प्रतिरोध, जिसमें न तो हिंसा होती है और न ही अवैध तरीके अपनाए जाते हैं — यही भारत के आंदोलनों की असली ताकत है। दुनिया में भी ऐसे ही आंदोलन हुए हैं — अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग के नेतृत्व में नागरिक अधिकार आंदोलन, दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला का संघर्ष।

इन सब आंदोलनों में एक समानता है — ये अकेले नहीं होते। ये एक असंतोष का नतीजा होते हैं जो दिन-प्रतिदिन बढ़ता जाता है। जब एक युवा अपने घर से निकलता है और रास्ते में दूसरे युवा उसके साथ जुड़ जाते हैं, तो ये एक आवाज़ बन जाता है। इस बारे में आपको यहाँ ऐसे ही कहानियाँ मिलेंगी — कैसे एक हंगर स्ट्राइक देश के नियम बदल देती है, कैसे एक ट्रस्ट से इस्तीफा देने वाले एक नेता की बात राजनीति के मैदान में गूंज उठती है, और कैसे एक आंदोलन की शुरुआत एक छोटे से शहर से होकर दुनिया भर में फैल जाती है। ये सभी कहानियाँ एक ही बात को साबित करती हैं: आवाज़ बुलंद हो तो दीवारें भी गिर जाती हैं।

21 अगस्त को भारत बंद: क्यों और किसने बुलाया?
21 अगस्त को भारत बंद: क्यों और किसने बुलाया?

Reservation Bachao Sangharsh Samiti ने 21 अगस्त, 2024 को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। यह बंद सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के खिलाफ है जिसने राज्यों को अनुसूचित जाति और जनजातियों के भीतर उप-श्रेणियाँ बनाने की अनुमति दी है। बंद का उद्देश्य इस निर्णय को वापस लेने की मांग करना है।