ईरान – राजनीति, इतिहास और दैनिक अपडेट

जब बात ईरान, पश्चिम एशिया में स्थित एक जटिल राष्ट्र है, जिसकी समृद्ध संस्कृति और गहन भू‑राजनीतिक भूमिका है, भी वैकल्पिक नाम इरान इस्लामिक गणराज्य के रूप में जानी जाती है, तो तुरंत दो प्रमुख पहलू सामने आते हैं। पहला, तेल, ईरान की मुख्य निर्यात वस्तु और आर्थिक शक्ति का आधार है जो वैश्विक ऊर्जा बाजार में इसका असर तय करता है। दूसरा, मध्य पूर्व, एक व्यापक भौगोलिक क्षेत्र है जहाँ ईरान कई भू‑राजनीतिक समीकरणों में सक्रिय भाग लेता है। इन दो तत्वों के इर्द‑गिर्द कूटनीति, संस्कृति और इतिहास आपस में जुड़ते हैं, जिससे ईरान को समझना आसान हो जाता है।

ईरान की कूटनीति अक्सर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की धूप‑छाँव में चलती रहती है; आर्थिक दबावों के बावजूद वह तेल निर्यात के माध्यम से राजस्व कमाने की कोशिश करता है। इसी कारण से, कूटनीति, ईरान की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को दर्शाती है तेल कीमतों, शरणार्थी संकट और जल सुरक्षा जैसे मुद्दों से घनिष्ठ रूप से जुड़ी है। साथ ही, ईरान की संस्कृति, हज़ारों साल पुरानी कला, संगीत और साहित्य पर आधारित राष्ट्रीय पहचान है ने प्राचीन पर्सियन साम्राज्य से लेकर आधुनिक कवियों तक का एक निरंतर धारा बनाई है, जो मध्य पूर्व की सांस्कृतिक विविधता को समृद्ध करती है। इतिहास की बात करें तो, ईरान ने सस्पेन्स कोरिडोर, सिल्क रोड और कई महान साम्राज्य देखे हैं, इसलिए उसका इतिहास, भू‑राजनीतिक बदलावों और सांस्कृतिक विकास की लंबी कहानी को समेटता है वर्तमान राजनीति में अक्सर झलकता है।

इस पृष्ठ पर आप पाएँगे ईरान से संबंधित ताज़ा ख़बरें, विश्लेषण और गहरी पृष्ठभूमि जानकारी—चाहे वह तेल की कीमतों पर असर, विदेश नीति में नया मोड़, या प्राचीन विरासत के अनूठे पहलू हों। नीचे दी गई सूची में विभिन्न लेख और रिपोर्टें हैं जो ईरान के आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं को स्पष्ट रूप से पेश करती हैं, ताकि आप पूरी तस्वीर समझ सकें। अब आगे बढ़िए और उन सामग्रियों को देखें जो आपके ज्ञान को और गहरा करेंगे।

ईरान का दावा: फारस की खाड़ी के द्वीपों पर ब्रिटिश नक्शा और ऐतिहासिक दस्तावेजों का सहारा
ईरान का दावा: फारस की खाड़ी के द्वीपों पर ब्रिटिश नक्शा और ऐतिहासिक दस्तावेजों का सहारा

ईरान ने फारस की खाड़ी में स्थित तीन विवादास्पद द्वीपों - अबू मूसा, ग्रेटर टुंब और लेसर टुंब - पर अपने दावे को समर्थन देने के लिए 19वीं सदी के ब्रिटिश नक्शे का हवाला दिया है। ये द्वीप रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये लगभग 20% विश्व के तेल और 25% विश्व के द्रवीकृत प्राकृतिक गैस के मार्ग को नियंत्रित करते हैं। ईरान और यूएई के बीच इस मुद्दे को लेकर दशकों से विवाद जारी है।

ईरान-हेज़बोल्लाह के हमले से आज नए चरण में प्रवेश कर सकता है इज़राइल युद्ध
ईरान-हेज़बोल्लाह के हमले से आज नए चरण में प्रवेश कर सकता है इज़राइल युद्ध

ईरान और उसके सहयोगी हेज़बोल्लाह के संभावित हमलों के कारण इज़राइल और ईरान के बीच चल रहा संघर्ष आज नए चरण में प्रवेश कर सकता है। जुलाई 31 को हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानियेह की हत्या के बाद ईरान और उसके सहयोगियों ने 'कठोर बदला' लेने की कसम खाई है। स्थिति लगातार अस्थिर बनी हुई है और तनाव व सैन्य कारवाई की संभावना बढ़ती जा रही है।